पीएफआई हड़ताल: सरकार ने अदालत को बताया, गलती से कुर्क की गई संपत्ति वापस

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 23 सितंबर को अचानक हुई हड़ताल के लिए पीएफआई सदस्यों की संपत्तियों की कुर्की सभी गलत कारणों से खबर थी। नाम आपस में बदल गए और सरकार ने प्रतिबंधित राजनीतिक संगठन से जुड़े लोगों की संपत्तियों को भी जब्त कर लिया। सरकार ने गलती सुधारते हुए उच्च न्यायालय को गलती से जब्त की गई 25 लोगों की संपत्ति वापस देने की जानकारी दी।

उच्च न्यायालय ने 23 सितंबर की अचानक हड़ताल के लिए मामला दायर करने का अनुरोध किया, जिससे केरल को 5.20 करोड़ रुपये और उससे अधिक का नुकसान हुआ। सड़कों पर आग लगा दी गई और तत्काल जरूरतों के लिए यात्रा करने वाले लोगों को रोका गया और उन पर हमला किया गया। यहां तक कि प्रतिबंधित संगठन के उत्तेजित समर्थकों द्वारा एंबुलेंस को अवरूद्ध किए जाने के भी मामले सामने आए।न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति सीपी मुहम्मद नियास की अगुवाई वाली पीठ ने तब कार्रवाई शुरू की और सरकार से बिना किसी देरी के पीएफआई नेताओं की संपत्तियों को कुर्क करने को कहा, जिसके लिए शुरुआती चूक के बाद सरकार झुक गई।