कोटा के आदिवासी कर रहे न�? साल का स�?वागत, नेटिजंस ने किया प�?यार

चेन�?नई। हर देश अपने न�? साल के जश�?न में खास होता है। क�?छ अपने परिवारों के साथ मनाते हैं जबकि क�?छ सामाजिक समारोहों के माध�?यम से मनाते हैं। इस बीच, तमिलनाड�? की नीलगिरि पहाड़ियों में रहने वाली कोटा जनजाति के न�? साल के जश�?न की �?क क�?लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
आई�?�?स अधिकारी स�?प�?रिया साहू ने 31 दिसंबर को अपने ट�?विटर हैंडल पर कोटा जनजाति के पारंपरिक नृत�?य की दो क�?लिप पोस�?ट की हैं। वीडियो में आदिवासी लोग सफेद कपड़े पहने और अलाव के चारों ओर नाचते ह�?�? दिखाई दे रहे हैं, जबकि वाद�?य लोक संगीत बजाया जा रहा है।
आई�?�?स अधिकारी ने पोस�?ट को कैप�?शन दिया है, “खूबसूरत नीलगिरी की पहाड़ियां कोटा के आदिवासियों के पारंपरिक संगीत और नृत�?य से गूंजती हैं क�?योंकि वे अपने स�?थानीय त�?योहार मनाते हैं। कोटा नीलगिरि के प�?राचीन निवासी हैं। उनकी आकर�?षक सफेद पोशाक �?क असली �?हसास देती है और स�?ंदर नृत�?य हमें वहां तक ले जाता है। दूसरी द�?निया #HappyNewYear”।
इसके अपलोड होने के बाद से, वीडियो ने नेटिज़न�?स का ध�?यान खींचा है और उन�?हें पोस�?ट के तहत न�? साल की श�?भकामना�?ं देते ह�?�? भी देखा गया है। पोस�?ट को अब लगभग 26K व�?यूज, 700 लाइक�?स, 68 रीट�?वीट�?स और ढेर सारे कमेंट�?स मिल च�?के हैं।
टिप�?पणियों में से �?क में लिखा था, “�?क अद�?भ�?त पोस�?ट। आदिवासियों ने बड़े पैमाने पर अपने धार�?मिक और सांस�?कृतिक मानदंडों और मूल�?यों को संरक�?षित किया है। नृत�?य / अन�?य रचनात�?मक गतिविधियों के लि�? उनका र�?�?ान, उन�?हें अन�?य आदिवासियों से अलग करता है। सरकारी योजनाओं और कार�?यक�?रमों ने उन�?हें आध�?निक बनाने और पैर जमाने में मदद की है। आध�?निक समाज”।
“आप स�?ंदर प�?रकृति और लोगों का आनंद ले रहे हैं .. नया साल म�?बारक हो”, �?क अन�?य ट�?विटर उपयोगकर�?ता ने टिप�?पणी की।
�?क अन�?य टिप�?पणी में कहा गया, “कृपया सा�?ा करने के लि�? बह�?त-बह�?त धन�?यवाद। केवल धन�?य नेता ही आमतौर पर उन स�?थानीय क�?षेत�?रों की जमीनी संस�?कृति का अध�?ययन करते हैं जहां वे तैनात होते हैं और लोगों की समस�?याओं को जानने के लि�? अपनी पूरी कोशिश करते हैं। क�?या यह संभव है कि इस त�?योहार को �?क अंतरराष�?ट�?रीय बना दिया जा�?।” 2023 के दौरान सांस�?कृतिक कार�?यक�?रम। होप, +वी”।
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