
शिमला। नाबार्ड की मंजूरी के बाद पीडब्ल्यूडी ने सभी 16 प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इन प्रोजेक्ट को अब तकनीकी समिति के पास भेजा जा रहा है। यह समिति इन प्रोजेक्ट पर अपनी राय देगी और इसके बाद अंतिम मंजूरी के लिए प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेजे जाएंगे। जिन 16 प्रोजेक्ट को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है, उनमें 13 अकेले शिमला और कांगड़ा को मिले हैं। इन सडक़ों के निर्माण पर कुल खर्च 26 से 74 लाख रुपए प्रति किलोमीटर आने की संभावना है। बहरहाल, पीडब्ल्यूडी ने इन प्रोजेक्ट को शुरू करने की आगामी तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रोजेक्ट पर विशेषज्ञ की सलाह ली जाएगी और मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति के बाद टेंडर शुरू हो जाएंगे। इससे पूर्व अगस्त से अक्तूबर तक दो बार नाबार्ड में मंजूरी मिल चुकी है। अब तक पीडब्ल्यूडी के 47 और जलशक्ति विभाग के 31 प्रोजेक्ट नाबार्ड से मंजूर हुए हैं। इन प्रोजेक्टों की दोनों विभाग टेंडर प्रक्रिया शुरू कर चुका है। अक्तूबर महीने में पीडब्ल्यूडी और जलशक्ति विभाग के 46 प्रोजक्ट को एक साथ मंजूरी मिली थी। इसमें 15 पीडब्ल्यूडी के थे, जबकि 31 पेयजल योजनाएं थीं। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री कार्यालय, पीडब्ल्यूडी और वित्त विभाग से पास होने के बाद प्रशासनिक रिपोर्ट विभाग कार्यालय को भेजी गई थी। पीडब्ल्यूडी में मंजूर सभी 15 प्रोजेक्ट की विभाग टेंडर प्रक्रिया शुरू कर चुका है। नाबार्ड ने सडक़ों के जिन 15 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, उनका कुल बजट 130 करोड़ रुपए है और इसमें 13 करोड़ रुपए राज्य सरकार को चुकाने हैं। इन प्रोजेक्ट से छह जिलों को सीधा लाभ मिलने वाला है।

इनमें कांगड़ा में सात, सोलन में तीन, हमीरपुर में दो, कुल्लू, सिरमौर और ऊना में एक-एक प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है। नाबार्ड में प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद विभाग ने सरकार के हिस्से की मंजूरी के लिए फाइल सचिवालय भेजी गई। नाबार्ड में जिन 15 प्रोजेक्ट को तय किया गया है उनमें से ज्यादातर अति दुर्गम इलाकों में है। इन क्षेत्रों में सडक़ें या तो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं या इनका निर्माण ही नहीं हो पाया है। नाबार्ड ने 329 करोड़ के 46 प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। इनमें से 31 प्रोजेक्ट जल शक्ति विभाग के पास हैं और इनकी भी सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। जलशक्ति विभाग ने इन प्रोजेक्ट के लिए प्रशासनिक मंजूरी हासिल कर ली है और अब टेंडर प्रक्रिया की तैयारी चल रही है। नाबार्ड की मंजूरी से लंबे अरसे बाद जलशक्ति विभाग में बड़े पैमाने पर काम शुरू होने वाला है। राज्य सरकार के गठन के बाद जलशक्ति विभाग में यह सबसे बड़ी मंजूरी है। विभाग इसे आपदा के दौरान बर्बाद हो चुकी पेयजल लाइनों के सुधार के तौर पर भी देख रहा है। जलशक्ति विभाग को 30 में से कांगड़ा में आठ, ऊना सात, हमीरपुर में चार, शिमला, मंडी, कुल्लू, सिरमौर और सोलन में दो-दो जबकि चंबा में एक पेयजल योजना को मंजूरी मिली है, जबकि एकमात्र सीवरेज प्रोजेक्ट कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां में मंजूर हुआ है। यह सीवरेज प्रोजेक्ट कटोली-हर-सकनारा में पूरा होगा। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि नाबार्ड से अब तक जितनी भी किस्तें जारी हुई हैं, उन सभी से प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है। तकनीकी समिति की राय और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इन प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल रही है। विभाग तय समय में टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर रहा है। भविष्य में नाबार्ड में प्रोजेक्ट प्रस्तावित करने का सिलसिला जारी रहेगा। नाबार्ड के तहत मंजूर हुए प्रोजेक्ट तय समय पर शुरू हों इसके लिए विभाग लगातार प्रयासरत है।