फैला फर्जी दस्तावेज बनाने का जाल, पांच पर मुकदमा चार को मिली जेल

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पुस्तिका उनके आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का जाल वेस्ट यूपी में फैला हुआ है। पुलिस को बंधक बनाकर रखने की जानकारी मिली है। पुलिस को पासपोर्ट से भी फर्जी आधार कार्ड की जानकारी मिल गई है, बाकी पता लगाया जा रहा है।

इनवेस्टमेंट कोर्ट रोड पर डेंच के डेनिश जन सेवा केंद्र से पूरा यह फर्जीवाड़ा चल रहा था। इससे जुड़े गुटों के सदस्य अन्य शेवाल में मौजूद हैं और वह अपने डब्बा से फर्जी आधार कार्ड धारकों को डेनिश जन सेवा केंद्र में शामिल कर रहे हैं। यहां दानिश और उनके भाई मोहसिन ने पहले फर्जी आधार कार्ड बनाए थे और उनके भाई, साहिल और विशाल ने मिलकर फर्जी आधार कार्ड बनाए थे।
इसके लिए एक जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड के लिए दो हजार रुपये तक का भुगतान करना होगा। पिछले कई वर्षों से यह फ़र्ज़ी वेअर चल रहा है और इस तरह के सैकड़ों फ़र्ज़ी आधार कार्ड अभी तक बनाए गए हैं। स्केटर्स विक्ट्री क्लास के यह गैंग केवल स्टॉक तक सीमित नहीं था, बल्कि आस-पास के काफी दुर्लभ से इन पास के लोगों को प्रमाणित आधार कार्ड बनवाए गए थे। कारखाने की मशीनें भी बरामद कर ली गई हैं और अब उन सभी के पास से आधार कार्ड बने हुए हैं।
फ़र्ज़ी आधार कार्ड से लोगों ने पासपोर्ट भी बनवाया
एसपी के अनुसार जब 18 वर्ष से कम आयु वाले के लिए किसी का आधार कार्ड जरूरी है तो उसके लिए माता-पिता का आधार कार्ड और 18 वर्ष से कम आयु वाले के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। इस तरह यह फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लीक हुआ पूरी जानकारी माता-पिता के आधार कार्ड के अनुसार सही बताई गई थी। इसके बाद फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से आधार कार्ड बनवाए गए और उस आधार कार्ड को किसी भी जगह इस्तेमाल किया जाए तो वह पकड़ में नहीं आएगा। ऐसा माना जा रहा है कि आधार कार्ड से पासपोर्ट भी बनवा लिया गया है, जिसकी जांच की जा रही है।
बैचलर इंजीनियर्स कंपनी दबाव, बार काउंसिल को पत्र भेजा गया पुलिस
जन सेवा केंद्र बनाने वाला दानिश है। जिस पर पिछले साल निकाय चुनाव के समय फर्जी आधार कार्ड वोट बनाने का आरोप लगा था और वहां पुलिस ने छापेमारी कर काफी सामग्री बरामद की थी। इसके बाद भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। इसके अलावा उसके अलावा कई अन्य आकृतियां दर्ज की गईं, जिनमें से किसी में भी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। वह पुलिस पर दबाव बनाने के लिए रवाना हुई थी और मार्टीन में प्रवेश के बाद भी नेपोलियन में घूमी थी। एसपीकीटर विक्ट्री ग्रेडी ने बताया कि इसका पता चल सकता है कि किसी अन्य व्यवसाय के लिए आपका नाम से है या नहीं, ऐसा है तो उसके खिलाफ बार काउंसिल को पत्र लिखा जाएगा।
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