प्रकृति प्रेम के लिए

राजनीतिक नायक और नायिकाओं की ख़ुशी में, उनके संजीदा प्रकृति प्रेमी होने का अहम् रोल है। उन्हें पता है कि प्रकृति के मोहपाश से किसी का भी बचना मुश्किल है। अवसर देखकर उन्होंने आम समाज से प्रकृति विकास में शामिल होने का आह्वान किया। सकारात्मक, लोकतांत्रिक मौसम में कुदरत के विकास बारे आश्वासन मिल जाए, इससे बेहतर क्या हो सकता है। ऐसा हो जाने पर प्राकृतिक तत्व भी संतुष्ट महसूस करने लगते हैं। उन्हें लगता है उनके भी अच्छे दिन आ गए हैं। विकास में सभी को साथ लेना ज़रूरी होता है, इसलिए शासन ने एक सर्वे के दौरान समझदार इनसानों से पूछा कि प्रकृति के पांच तत्व कौन कौन से होते हैं। प्रशासन को इस बात की खुशी भरी संतुष्टि हुई कि कोई ठीक से यह नहीं बता पाया कि वे तत्व क्या हैं। शासकों ने विशाल जन समूह को बुलाकर, गर्व से ज्ञान बढ़ाऊ घोषणा की, कि वे महत्त्वपूर्ण तत्व आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी हैं। जनता को समझाया गया, क्योंकि विकास और प्रकृति का बंधन अटूट है, इसलिए आने वाले समय में विकास के माध्यम से हम इन पांच तत्वों की सार्वजनिक पहचान स्थापित करेंगे ताकि कोई भी इन्हें भूल न पाए। मानव जीवन का अभिन्न अंग मानकर, अपने आराध्य की तरह, इनकी पूजा करते रहें। शासकों और प्रशासकों ने यशस्वी कारिंदों से मिलकर, महत्वाकांक्षी योजना पर काम करना शुरू कर दिया। कई सप्ताह तक दिन रात, उनके शानदार बयान मीडिया संसार में छाए रहे जिसमें उनके साथ अन्य सहयोगियों का मुस्कराहट बिखेरता, उम्दा रंगीन चित्र प्रयोग हुआ था।

इस चित्र के माध्यम से उनकी बेहद सौम्य, शालीन, सरल, आध्यात्मिक, सामाजिक व राजनीतिक छवि छलक रही थी। खबर सूचित कर रही थी कि प्रबुद्ध शासकों के, प्रकृति प्रेम पर आधारित आह्वान पर, प्रकृति पूजक प्रशासन ने प्रकृति के पांच तत्वों को मानव जीवन का आवश्यक तत्व मान लिया है। विशेषज्ञों की टीम के गहन मंथन के बाद संदर्भित योजना कार्यान्वित की जा रही है ताकि आम लोग प्रकृति से ज़्यादा प्यार करना शुरू कर सकें। उन्हें प्रकृति के तत्वों के महत्त्व का ज्ञान हो। प्रकृति के महत्त्वपूर्ण हिस्से, हमारी बाल व युवा पीढिय़ों की आंखों के सामने रहें और पर्यावरण प्रेम निरंतर परवान चढ़ता रहे। इस माध्यम से राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गर्व करने का अवसर मिले। जनता को यह जानकर बहुत ज्यादा अच्छा लगा।
उन्हें बताया गया कि सार्वजनिक योजना के अंतर्गत, पांच तत्वों को मूर्त रूप में जगह जगह, शीघ्र ही स्थापित किया जाएगा। आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी की आकर्षक, कलात्मक, सुन्दर और टिकाऊ मूर्तियां लगाई जाएंगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात, देश के प्रसिद्ध कलाकार, प्रारूपकार व कल्पना विशेषज्ञ इन मूर्तियों की सामग्री, रंग, आकार, बनावट बारे सुनिश्चित करेंगे ताकि पांच तत्वों के सहज, सरल सम्प्रेषण में कोई कमी न रहे। स्वाभाविक, आवश्यक और सुनिश्चित है कि महान होने जा रही इन मूर्तियों का आकार विशाल ही होगा जिसकी एक झलक से ही आम आदमी को इनकी महत्ता की गहन अनुभूति होने लगेगी। इस विराट योजना बारे जिसने भी सुना, बार बार धन्य होता गया। वह बात अलग है कि कुछ गिने चुने पर्यावरण एवं प्रकृति प्रेमी नाराज हो गए। उनकी पिछली नाराजगी से, पहले भी किसी को जऱा भी फर्क नहीं पड़ा, इस बार भी कोई फर्क नहीं पडऩा था।
प्रभात कुमार
स्वतंत्र लेखक
By: divyahimachal