स�?प�?रीम कोर�?ट ने केंद�?र सरकार के 2016 के नोटबंदी के फैसले को बरकरार रखा

नई दिल�?ली: स�?प�?रीम कोर�?ट ने सोमवार को केंद�?र सरकार के 2016 में 500 र�?पये और 1000 र�?पये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा.
पांच-न�?यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद�?र के 2016 के 500 र�?पये और 1000 र�?पये के करेंसी नोटों को बंद करने के फैसले को च�?नौती देने वाली याचिकाओं के �?क बैच को खारिज कर दिया और कहा कि कार�?यपालिका की आर�?थिक नीति होने के कारण निर�?णय को उलटा नहीं जा सकता है।
स�?प�?रीम कोर�?ट की बेंच ने कहा: “नोटबंदी से पहले केंद�?र और आरबीआई के बीच परामर�?श किया गया था। इस तरह के उपाय को लाने के लि�? �?क उचित सांठगांठ थी, और हम मानते हैं कि आन�?पातिकता के सिद�?धांत ने नोटबंदी को प�?रभावित नहीं किया।”
शीर�?ष अदालत ने 7 दिसंबर को 58 याचिकाओं के बैच पर अपना फैसला स�?रक�?षित रख लिया था।
इससे पहले उसने केंद�?र और भारतीय रिजर�?व बैंक से 2016 के नोटबंदी के फैसले से संबंधित रिकॉर�?ड सीलबंद लिफाफे में पेश करने को कहा था।
उसने कहा था कि उसके पास उस तरीके की जांच करने की शक�?ति है जिसमें विम�?द�?रीकरण का निर�?णय लिया गया था और कहा था कि “न�?यायपालिका अपने हाथों को मोड़कर बैठ नहीं सकती है क�?योंकि यह �?क आर�?थिक नीतिगत निर�?णय है”।
शीर�?ष अदालत की टिप�?पणी तब आई जब भारतीय रिजर�?व बैंक के वकील ने यह प�?रस�?त�?त किया कि आर�?थिक नीति के फैसलों पर न�?यायिक समीक�?षा लागू नहीं हो सकती है।
आरबीआई ने शीर�?ष अदालत को नोटबंदी नीति के उद�?देश�?य के बारे में काले धन और नकली नोटों पर अंक�?श लगाने के बारे में बताया था।
अटॉर�?नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा था कि नोटबंदी की आर�?थिक नीति �?क सामाजिक नीति से ज�?ड़ी है जहां तीन ब�?राइयों को दूर करने का प�?रयास किया जाता है। (�?�?नआई)
