मैं ही रामविलास जी का उत्तराधिकारी: पारस

बिहार | केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि 2019 में बड़े भाई रामविलास पासवान ने मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़वाया.मैंने उनका आदेश माना और बिहार सरकार का मंत्रीपद छोड़ सांसद बना.इस नाते मैं रामविलास जी का उत्तराधिकारी हूं।
पारस ने कहा कि रामविलास जी ने समाज के सबसे गरीब व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने की राजनीति की.हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से जयप्रकाश नारायण ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था.वे विधान परिषद सभागार में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रामविलास पासवान पर केंद्रित कार्यक्रम ‘रामविलास पासवान हाशिये का नेतृत्व’ विषय पर परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे.परिचर्चा के केंद्र में थी भारत के राजनेता सीरीज की किताब ‘सदन में रामविलास पासवान, प्रतिनिधि भाषण’.संजय पासवान और अदिति नारायणी इस किताब के संपादक हैं.इसका लोकार्पण रामविलास जी की जयंती पर 5 जुलाई को राज्यपाल भवन में राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर ने किया था.पूर्व मंत्री संजीव प्रसाद टोनी और विधायक इंजीनियर ललन कुमार ने भी विचार रखे.अध्यक्षता करते हुए किताब के संपादक संजय पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान हमारे समाज, राज्य और देश के नेता थे.उनके बाद पशुपति पारस उनकी विरासत लेकर चलेंगे।
कार्यक्रम को के संपादक संजीव चंदन व असिस्टेंट प्रोफेसर दीपनारायण श्रवण ने भी संबोधित किया.संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सुनीता ने किया.इस अवसर पर बिपिन कुमार की पुस्तक अन्वेलिंग इंडियाज सोशल वॉयसेज का लोकार्पण भी हुआ।
वंचितों की आवाज थे रामविलास
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि स्व. रामविलास पासवान बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के अनुरूप राजनीति करते थे.वे सबका साथ लेकर राजनीति करते थे.उन्होंने बाबा साहेब अम्बेडकर की परंपरा को आगे बढ़ाया.वे वंचितों की आवाज थे.वे सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश के नेता थे।
