एक ही मकान को सात बार गिरवी रखकर चौथी पास ने कई बैंकों से ऐंठे 25 करोड़

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भजनपुरा में एक ही मकान को सात बार गिरवी रखकर कई बैंकों से 25 करोड़ ऐंठने वाले दंपती को जलगांव, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान जितेंद्र जैन (47) और अंजना जैन (43) के रूप में हुई है। जितेंद्र महज चौथी पास है जबकि पत्नी सातवीं तक पढ़ी है।
आरोपियों के फरार होने के बाद बैंकों ने पुलिस व आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज करवाया था। साथ ही, सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। कई राज्यों में ठगी करने के बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। पुलिस दोनों से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपियों ने कितने लोगों से ठगी की। आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त विक्रम के पोरवाल ने बताया कि वर्ष 2018 में निजी फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।
कंपनी के सहायक प्रबंधक दीपांकर सिन्हा ने बताया था कि भजनपुरा के मकान को गिरवी रखकर जितेंद्र और अंजना ने कंपनी से 2.60 करोड़ का लोन लिया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मकान पर पहले से सेंट्रल बैंक, सिंडीकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक आदि बैंकों से 25 करोड़ से ज्यादा का लोन ले रखा है। आर्थिक अपराध शाखा में तैनात एसआई देवेंद्र सिंह, विक्रम सिंह की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की। इस बीच टीम को पता चला कि आरोपी वर्ष 2016 से फरार हैं। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी दिल्ली, तमिलनाडु, बेंगलूरू, नासिक और जलगांव में रहे हैं।
लगातार आरोपी लोकेशन और मोबाइल भी बदलते रहे। जितेंद्र और बेटे के बैंक खातों की जांच से पता चला कि बेटा बेंगलूरू के किसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर रहा है। टीम वहां पहुंची और छापा मारा, लेकिन आरोपी वहां से भी निकल गए। बाद में एक मोबाइल नंबर के आधार पर दंपति की लोकेशन महाराष्ट्र की मिली। इसके बाद दोनों को पकड़ लिया गया। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने तमिलनाडु में भी एक बैंक को गोल्ड लोन के नाम पर ठगा है। आरोपी भजनपुरा में मिठाई की दुकान चलाते थे। बाद में कपड़ों की दुकान खोलने के अलावा नरेला में मिठाई की फैक्टरी भी लगाई थी।
100 वारदात कर चुका बदमाश एटीएस ने दबोचा
उत्तरी जिला के एएटीएस ने 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके बदमाश प्रमोद कुमार (33) को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी 2010 से लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। 2013 में तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। आरोपी प्रमोद के खिलाफ हत्या, लूटपाट, झपटमारी, चोरी और अवैध हथियार के मामले दर्ज हैं। वह सराय रोहिल्ला थाने का घोषित बदमाश है। पुलिस इससे फरार होने के दौरान की गई वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि जिले की पीओ टीम लगातार भगोड़े बदमाशों की तलाश में जुटी है। इसी कड़ी में टीम को पता चला कि तिलक नगर के एक मामले में फरार चल रहा बदमाश प्रमोद सेंट स्टीफन अस्पताल, तीस हजारी के पास अपने एक जानकार से मिलने आ रहा है। टीम ने आरोपी को वहां से दबोच लिया। शुरूआत में आरोपी एक किराना की दुकान पर काम कर था। 2010 में गिरफ्तारी से पूर्व ही वह 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुका था। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसने फिर कभी अदालत का रुख नहीं किया।
छह राज्यों से 205 मोबाइल बरामद 15 आरोपी गिरफ्तार व 162 पाबंद
मोबाइल चोरी होने, लूटे जाने या झपटे जाने पर अमूमन लोग उनके मिलने की आस ही छोड़ देते हैं। मामले की शिकायत पुलिस से तो कर दी जाती है, लेकिन मोबाइल वापसी की उम्मीद कम ही होती है। इस मामले में शाहदरा जिला पुलिस ने ऑपरेशन विश्वास में छह राज्यों से 205 मोबाइल बरामद कर पीड़ितों को लौटाए हैं।
अभियान में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं 162 को पाबंद किया गया है। इसके लिए 15 जुलाई से शाहदरा जिला पुलिस छह राज्यों में 16 टीमें बनाकर छापेमारी कर रही थी। बाकी आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। शनिवार को एक कार्यक्रम में पुलिस ने लोगों को उनके मोबाइल फोन लौटाए तो वह बेहद खुश हुए। कार्यक्रम में विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक, संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अलावा पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा मौजूद रहे।
लोगों ने पुलिस की तारीफ की। शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अभियान में जिले की टेक्निकल टीम की अहम भूमिका रही। वहीं एसीपी, एसएचओ से लेकर कई वरिष्ठ अधिकारी इसमें शामिल रहे। इन टीमों को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में भेजने के अलावा हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम और पूर्वी यूपी, बिहार व पश्चिम बंगाल में भेजा गया। 16 टीमों ने करीब 40 हजार किलोमीटर की यात्रा की। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि आगे भी इस तरह के ऑपरेशन जारी रहेंगे।
दोस्त की गला रेतकर हत्या करने में दो गिरफ्तार
सदर बाजार इलाके में सोमवार देर रात मोहम्मद समीर (32) की गला रेत कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने मृतक के बचपन के दोस्त मोहम्मद आमिर (31) और मोहम्मद रिजवान (31) को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी आमिर समीर की पत्नी से एक तरफा प्यार करता था। इसी सनक में उसने समीर की हत्या की साजिश रच डाली।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मृतक की बाइक, गला रेतने के लिए इस्तेमाल की गईं शराब की टूटी हुई बोतल, तीन मोबाइल फोन आदि सामान बरामद किया है। हत्याकांड की सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में ली है। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि सोमवार देर रात सदर बाजार थाना पुलिस को एक युवक के गला रेतने की सूचना मिली थी। पुलिस ने घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। फोन की मदद से मृतक की पहचान सुल्तानपुरी निवासी मो. समीर के रूप में हुई।
जांच में पता चला कि समीर अपने दोस्तों से मिलने के लिए अहाता किदारा, चमेलियान रोड आता रहता था। थाना प्रभारी कन्हैयालाल यादव, इंस्पेक्टर डीवी सिंह ने आरोपियों की पहचान कर मुख्य आरोपी आमिर को वारदात के कुछ ही घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन आरोपी रिजवान को भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आमिर ने बताया कि उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया था। वहीं समीर की पत्नी भी समीर को छोड़ मायके में रह रही है। वह उसकी पत्नी से एक तरफा प्यार करने लगा।
उसको पाने के लिए उसने समीर की हत्या की साजिश रची। कसाई का काम करने वाले अपने दोस्त रिजवान को मोटी रकम देने का वादा कर वारदात को अंजाम दे दिया।


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