विधानसभा में आऊटसोर्स के मुद्दे पर गर्माया सदन, विपक्ष ने किया वाॅकआऊट

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के 5वें दिन आऊटसोर्स के मुद्दे पर सदन में शोर-शराबा हुआ तथा विपक्ष ने सदन से वाॅकआऊट किया। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नियम 67 के तहत आऊटसोर्स कर्मियों को वेतन का भुगतान न होने तथा इनकी छंटनी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया तथा इस पर चर्चा की मांग की। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच सदन में तीखी नोक-झोंक भी हुई। विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को निरस्त कर दिया, जिससे नाराज होकर विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायक रणधीर शर्मा ने आऊटसोर्स का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी पहले ही चरम पर है, बावजूद इसके आऊटसोर्स कर्मियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। धरने पर बैठे आऊटसोर्स कर्मियों को नौकरी से हटा कर बेरोजगार किया जा रहा है। इससे विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग से कर्मचारी हटाए गए तो वहां पर काम प्रभावित होगा।
आऊटसोर्स कर्मियों के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जैसे ही बोलने लगे तो सत्तापक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया, जिस पर दोनों ओर से शोर-शराबा होने लगा, जो विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ। इसके बाद जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने करीब 10 हजार आऊटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया है। कोरोना काल में सेवाएं देने वाले करीब 2 हजार आऊटसोर्स कर्मी भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में खुद की जिंदगी को जोखिम में डाल कर लोगों को बचाया और इन कर्मियों को 6 महीने से वेतन भी नहीं मिला है। जिन कर्मचारियों ने अपने जीवन को संकट में डाल कर लोगों को बचाने का काम किया, उन्हें तो बक्श दो, पाप लगेगा। कोविड में लगे बच्चों की नौकरी व भविष्य का विषय है। इसलिए इस पर चर्चा की जानी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि जहां जरूरत होगी, उन्हें वहां पर लगाएंगे। हरियाणा के सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने गलती की तो उन्हें जेल जाना पड़ा था।
भाजपा द्वारा आऊटसोर्स का मुद्दा उठाए जाने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गीता में लिखा है कि जो झूठ बोलता है, पाप उसे लगता है और जो झूठ बोलता है, वह जोर-जोर से चिल्लाता है। इस पर सदन में ठहाके लगे। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना में लगे आऊटसोर्स कर्मचारियों को 6 माह से वेतन नहीं मिला। यह झूठ है, जबकि इनको 30 जून तक के वेतन का भुगतान किया जा चुका है। 30 सितम्बर तक इनकी एक्सटैंशन की फाइल मूव हो चुकी है। 30 सितम्बर तक का पूरा वेतन जल्द दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि वह झूठ बोल रहे हैं तो विपक्षी सदस्य सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव ला सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि गलतियां आपने कीं, भुगत हम रहे हैं। समाधान हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार उनको तैनाती दी जाएगी। विपक्ष के वॉकआऊट पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष बिखरा-बिखरा नजर आ रहा है। उन्होंने काम रोको प्रस्ताव के लिए अपने विपक्ष के नेता को विश्वास में नहीं लिया। गत दिनों विपक्ष जनता के साथ खड़े नहीं हुए। कुछ सदस्य केंद्र को भेजे प्रस्ताव का समर्थन करना चाहते थे। अब साथ नहीं देने पर बौखलाए हुए हैं। ऐसे में विपक्ष अखबारों की सुर्खियां में रहने के लिए वाकआऊट कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी आवास पर 3 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
