मानसिक रोगों की चपेट में युवा भी आ रहे: डॉ. अनिल

उत्तरप्रदेश | एमएमजी अस्पताल के कार्यशाला का आयोजन किया गया. मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि मानसिक बीमारी की चपेट में अधिकांश मरीज 20 से 50 वर्ष की उम्र के सामने आ रहे हैं.
डॉ. अनिल ने बताया कि रोग का कारण सामाजिक और अनुवांशिक, बायोलॉजिकल, साइक्लोलॉजिकल, होता है. बीमारी की चपेट में आने वाले मरीजों का सोशल वर्कर, काउंसलिंग और दवाओं से इलाज किया जा रहा. उन्होंने लोगों को अकेलेपन से बचने, तनाव से दूर रहने की सलाह दी. इस मौके पर मौके पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर संतराम वर्मा, डॉ. पवन कुमारी समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे.

शिविर में मरीजों को परामर्श दिया विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कौशांबी स्थित यशोदा अस्पताल में एक शिविर का आयोजन किया गया. इसमें विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार व्यक्त किए. विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों को निशुल्क परामर्श दिया. मनोविशेषज्ञ डॉ. संदीप गोविल ने कहा कि कोरोना के बाद मानसिक समस्याओं से जुड़े मामलों में वृद्धि हुई है. लॉकडाउन में लोगों ने जिन चुनौतियों का सामना किया, उसने शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रभावित किया है. डॉ. सोनल वेरमणि ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता का अभाव है. डॉ. शोभा शर्मा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के विषय में प्रभावी परिवर्तन लाने से पूर्व इसे लेकर समाज में व्याप्त वर्जनाओं को तोड़ना होगा.
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया
राजनगर एक्सटेंशन स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के तहत दो दिवसीय मनोदर्पण कार्यक्रम हुआ. इसमें छात्रों को इमोशनल हेल्थ एंड वेल-बीइंग और तारे जमीन पर फिल्म दिखाकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया. छात्रों ने माइंड इन मोशन और बी योर हीरो सहित अन्य विषयों पर विचारों और भावनाओं को रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया.