अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा सकेंगे बच्चे, ई-बॉक्स स्थापित

अजमेर। अजमेर बाल संरक्षण के लिए बाल हक ई-बॉक्स का जिले के लिए पोस्टर जारी किया गया। कलेक्टर भारती दीक्षित ने कहा कि बाल हक ई-बॉक्स 18 वर्ष से कम आयु के संकट में फंसे बालक-बालिकाओं की मदद के लिए है। इसमें बाल विवाह, बाल श्रम, यौन शोषण से सम्बन्धित बालक, क्यूआर कोड के माध्यम से अथवा ईमेल baalhaq@rajasthan.gov.in के माध्यम से शिकायत कर सकते है। अब बच्चे अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों के लिए सीधे आवाज उठा सकते है। बाल हक ई-बॉक्स के माध्यम से तत्काल प्रभाव से शिकायत भी कर सकते है। बच्चों के प्रति हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिए किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012 लागू है। इसके तहत राज्य में किशोर न्याय बोर्ड बाल कल्याण समिति, विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं जिला बाल संरक्षण इकाई कार्य कर रही है।
बाल संरक्षण के लिए बाल हक ई-बॉक्स का जिले के लिए पोस्टर जारी अधिकांश बच्चे एवं आमजन सही जानकारी जागरूकता तथा सहज पहुंच नहीं हो पाने के कारण बच्चों के प्रति हो रहे दुव्यवहार से सुरक्षा नहीं कर पाते है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने तथा आमजन में जागरूकता लाने, बच्चों के विरूद्व अपराध करित करने वालों में डर पैदा करने एवं विभाग तक बच्चों की पहुंच को सहज बनाना आवश्यक है। मुसीबत में फंसे बालक अथवा अपराध पिड़ीत बालकों की सहायता के लिए नवाचार के रूप में बाल हक ई-बॉक्स स्थापित किए जा रहे है। प्राप्त शिकायत पर विभाग द्वारा पुलिस जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईड लाईन 1098 के माध्यम से समुचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
