बीपीएल परिवार की जमीन हड़पने का प्रयास, मणिपुर जैसी घटना की आशंका

भीलवाड़ा। जिले की आसींद तहसील क्षेत्र के तिलोली ग्राम में रहने वाले एक बीपीएल परिवार की जमीन पर कब्जा करने के लिए गांव के लगभग पांच दर्जन लोगों ने हम सलाह होकर ना केवल हमला किया बल्कि बीपीएल परिवार के साथ मारपीट कर उसके खेत की जमीन को उजाड़ दिया। घटनाक्रम के अनुसार आज सोमवार को प्रह्लाद सिंह पुत्र मोहन सिंह निवासी तिलौली के पीड़ित परिवार ने उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को एक लिखित शिकायत देकर बताया कि ग्राम तिलौली में आराजी नंबर 43 11/2583 रकबा 2.10 हेक्टर भूमि गैर खातेदारी के रूप में रिकॉर्ड दर्ज है और पिछले 22 साल से उसका परिवार उस जमीन पर खेती करता आ रहा है उसने इस जमीन के चारों तरफ मुंडेर बनाकर अपनी सुविधा के लिए टीन सेड भी लगवा रखा है और खेत के चारों तरफ फूल एवं फलदार वृक्ष लगे हुए हैं अर्थात सन 2002 से इसके परिवार का रिकॉर्डेड कब्जा होकर यह काश्त भूमि पर कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन कर रहा है। पीड़ित परिवार ने आईजी को लिखे ताजा पत्र में आरोप लगाया है कि गत 22 जुलाई को प्रात: 10:00 बजे वह अपने खेत पर गया वहां वे मुंडेर पर बैठा था।
दिनेश गुर्जर बागमाली की बिना नंबर की जेसीबी मशीन लेकर लगभग 6 दर्जन लोग समूह के रूप में उसकी जमीन के सामने आकर रुके और उनमें ईश्वर पिता हीरा गुर्जर, गोपाल पिता पोखर गुर्जर, सीताराम पिता मनरूप गुर्जर, मेवा पिता नंगजी गुर्जर, कान्हा पिता धन्ना गुर्जर, लादू पिता मोती गुर्जर, रघुनाथ पिता कनीराम गुर्जर, बुदर पिता लाखा गुर्जर, उगमाराम पिता मोती गुर्जर, हरजी पिता छोगा लाल गुर्जर, हरदेव पिता नंगजी गुर्जर, देवकरण गुर्जर, श्रवन गुर्जर निवासी समस्त रोजी मंगरी का खेड़ा उदय लाल पिता दयाराम गुर्जर मेवाराम पिता मांगीलाल बलाई निवासी करण गढ़ इत्यादि मेरी जमीन में घुसकर मेरे साथ मारपीट कर मुझे बंधक बना लिया एवं अन्य व्यक्तियों ने मेरे खेत में जेसीबी चलाकर ढोल और बाढ़ को नष्ट कर दिया।
घटना की तुरंत सूचना आसींद थाना अधिकारी एवं डीवाईएसपी को दी गई परंतु पुलिस 1:00 बजे तक घटनास्थल पर नहीं पहुंचीं और पीड़ित पक्ष को अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा, पीड़ित पक्ष में थाने पहुंच कर लगभग 2:00 बजे एफआईआर प्रस्तुत की जिसे 4 घंटे बाद दर्ज की गई और चार पुलिसकर्मी 2:00 बजे बाद वहां भेजे गए जिनके सामने भी जेसीबी मशीन चलती रही और खेत को गुर्जर समुदाय के लोग उजाड़ते रहे। 22जुलाई को आसींद थाने में दी गई रिपोर्ट एवं 25 जुलाई को भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को की गई लिखित शिकायत तथा 27 जुलाई एवं 3 अगस्त को पीड़ित प्रह्लाद के पुत्र द्वारा भी पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को घटना की जानकारी लिखित में दी गई परंतु किसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होने से पीड़ित परिवार भयभीत है और पलायन करने को मजबूर हो रहा है उन्हें आशंका है कि बाहुबली लोग उनके परिवार की महिलाओं के साथ मनिपुर जैसी घटना को भी दोहरा सकते हैं पीड़ित पक्ष ने लिखित आशंका जताते हुए प्रभावी ढंग से कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस महानिरीक्षक उदयपुर से की है जिन्होंने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेकर हर तरह की कानूनी मदद और पीड़ित परिवार को सुरक्षा दिलाने का आश्वासन दिया है।
