पुआल के प्रबंधन के लिए बेलर का इस्तेमाल करें

आप के राज्यसभा सांसद विक्रमजीत साहनी ने आज कहा कि पंजाब को कागज, लुगदी, सीमेंट ईंटें और बायो-मास जैसे क्षेत्रों में पराली के पुन: उपयोग के लिए एक सक्रिय नीति की आवश्यकता है।

सांसद ने कहा कि कंबाइन हार्वेस्टर के साथ-साथ बेलर का उपयोग करने की आवश्यकता है, क्योंकि बेलर पराली को पुआल की गांठों में बदल सकते हैं जिन्हें उत्पादक उपयोग के लिए निकटतम उपयोगिता तक ले जाया जा सकता है। पुआल का उपयोग कागज और लुगदी उद्योग, सीमेंट ईंटों के निर्माण, बायोगैस और बायोएथेनॉल उत्पादन में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पराली के उत्पादक उपयोग से किसान उद्यमी बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र को नाबार्ड जैसी एजेंसी के साथ खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से बेलरों को मुफ्त किराये पर देने को प्रोत्साहित करना चाहिए