उत्तराखंड
मालधन में बाघ के जबड़े से बचा अंकित जीवन के लिए कर रहा संघर्ष
पड़ोसियों व संबंधियों से कर्ज लेकर गुणगांव के एक निजी अस्पताल में घायल का उपचार कराया जा रहा है.
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नैनीताल: तराई पश्चिम वन प्रभाग के मालधन में बाघ के हमले में घायल वीं के छात्र को उपचार के लिए मदद की दरकार है. स्थिति यह है कि परिजन घायल अंकित को बचाने के लिए कई अस्पतालों में ठोकरें खा चुके हैं. पड़ोसियों व संबंधियों से कर्ज लेकर गुणगांव के एक निजी अस्पताल में घायल का उपचार कराया जा रहा है.
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मालधन बैराज के पास रहने वाले सूरज सिंह का पुत्र अंकित वीं का छात्र है. सूरज बताते हैं कि उनके चार बच्चे हैं. बड़ी बेटी सुमन का विवाह कर चुके हैं. खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. तीन बेटों में अंकित सबसे छोटा है. दो नवंबर को अंकित रामनगर से बाइक पर घर वापस आ रहा था, बैराज के पास उसकी बाइक पर बाघ ने हमला कर दिया. उसका दोस्त भाग गया, बाघ जबड़ों में दबाकर अंकित को जंगल ले गया. वनकर्मियों ने अंकित को मरा समझ लिया था, पर अंकित बाघ से संघर्ष के बाद खुद जंगल के बाहर आया था. उसके सिर व गर्दन पर बाघ ने गंभीर हमला किया था. उसे रामनगर से हल्द्वानी रेफर किया गया. इसके बाद एम्स रेफर किया गया. अंकित की मदद को आगे आए लोग समाजसेवी प्रभात ध्यानी, मुनीष कुमार, ललित उप्रेती ने बताया कि अंकित की मदद को लेकर विभिन्न संगठनों के लोगों से संपर्क किया जा रहा है. अंकित की मदद को मोबाइल नंबर 90666340 पर लोग संपर्क कर छात्र की मदद कर सकते हैं. वहीं डीएफओ प्रकाश आर्या ने बताया कि युवक की मदद विभाग करने का प्रयास करेगा.
लाख से अधिक खर्च हो चुके उपचार में
अंकित के परिजन बताते हैं कि वन विभाग से मदद की गुहार लगाई गई, लेकिन विभाग नियमों का रोना रो रहा है. समाजसेवियों के धरना-प्रदर्शन के बाद पांच को 50 हजार रुपये विभाग की ओर से मदद मिली है. इसके बाद विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं. तराई पश्चिम वन प्रभाग के एसडीओ संदीप गिरी ने बताया कि बाघ के हमले में घायल को 50 हजार रुपये की ही मदद की जाती है.