इन लोगों की कोविड-19 से मरने की संभावना थी सबसे अधिक

सैन फ्रांसिस्को: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग बचपन में दुर्व्यवहार या उपेक्षा जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों से बचे रहे, उनके वयस्क होने पर अस्पताल में भर्ती होने या कोविड-19 से मरने की संभावना अधिक थी।

जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, उच्च स्व-रिपोर्ट की गई बचपन की प्रतिकूलता कोविड -19 अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर के 12-25 प्रतिशत बढ़े हुए जोखिम से जुड़ी थी।
अमेरिका स्थित पिट्स लर्निंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के एक शोधकर्ता और केनेथ पी. डिट्रिच स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के सहायक प्रोफेसर जेमी एल. हैनसन ने मध्यम आयु या उससे अधिक उम्र के 151,200 से अधिक वयस्कों द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर गौर किया।
संख्याओं से पता चला कि जिन लोगों ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार या उपेक्षा जैसी “प्रतिकूल स्थिति” की सूचना दी, उनके कोविड-19 से मरने या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक थी।
हैनसन ने कहा, “हम जानते हैं कि ब्रिटेन और अमेरिका में कोविड-19 अत्यधिक अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु से संबंधित है। और उभरते शोध से पता चला है कि जीवन के शुरुआती दिनों में प्रतिकूल परिस्थितियों, दुर्व्यवहार या उपेक्षा का सामना करने से शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ सकता है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन किसी ने भी इन दोनों रुझानों को जोड़ने की कोशिश नहीं की थी। किसी के शुरुआती विकास के बारे में थोड़ा और जानना कोविड-19 में असमानताओं को कम करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।”
शोधकर्ताओं का मानना है कि बचपन में ऐसी प्रतिकूलता झेल चुके लोगों पर कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिए नीतियों और हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। हैनसन ने कहा, “प्रतिकूल परिस्थितियों में नकारात्मक परिणामों का जोखिम हो सकता है और लंबे समय तक कोविड रहने की संभावना हो सकती है। हमें यह समझने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है कि प्रतिकूल परिस्थितियां कैसे ‘त्वचा के नीचे’ आ जाती हैं और कोविड-19 संक्रमण के बाद खराब स्वास्थ्य की चपेट में आ जाती हैं।”