
गाजियाबाद: आर्थिक संपन्नता और दिल्ली से नजदीकी के चलते गाजियाबाद में तमाम गैंग सक्रिय हैं. वर्ष 09 में एक बदमाश के मुठभेड़ में ढेर करने के बाद भी लूट और हत्या की संगीन घटनाएं हुईं, लेकिन पुलिस बदमाशों के पैर में गोली मारकर पंक्चर करती रही. लेकिन दुस्साहस बढ़ने पर 34 महीने बाद एक साथ दो बदमाशों को ढेर कर दिया. नतीजा यह है कि 7 माह में चार बदमाश मारे जा चुके हैं.

नोएडा में 7 मई 09 को नोएडा के जारचा में हुई 65 लाख की लूट में वांछित बदमाश बुलंदशहर निवासी मेहरबान की लोकेशन 7 जुलाई 09 को साहिबाबाद क्षेत्र में मिली थी. एसटीएफ की सूचना पर गाजियाबाद पुलिस ने घेराबंदी कर दी. भोपुरा स्थित कोयल एंक्लेव में देर रात एसटीएफ और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश मेहरबान ढेर हुआ था. मेहरबान पर लूट, हत्या और डकैती के करीब 30 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. इस मुठभेड़ के 34 माह तक गाजियाबाद पुलिस किसी बदमाश फुल एनकाउंटर नहीं कर सकी. पिछले साल 0 अप्रैल की रात को वेव सिटी में गौतमबुद्धनगर के डेयरी मच्छा निवासी जितेंद्र तथा गिरधरपुर निवासी हरेंद्र की गोलियों से भूनकर हत्या के बाद गाजियाबाद पुलिस का खून खौला और 8 मई की तड़के वारदात करने वाले बिल्लू दुजाना और उसके साथी राकेश दुजाना को मुठभेड़ में ढेर कर दिया.