महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ द्वारा अहम पहल

जबलपुर। महिला रेल यात्रियों की सुरक्षा के संबंध में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान 15 अक्टूबर को नई दिल्ली में दिल्ली हाफ मैराथन में भाग लेंगे। रविवार को आयोजित होने वाले दिल्ली हाफ मैराथन में 25 आरपीएफ अधिकारियों और कर्मियों की एक टीम भाग लेगी।
भारतीय रेल नेटवर्क में महिलाओं के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में विभिन्न पहलें की गई हैं। ये सभी प्रयास मुख्य रूप से महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने महिलाओं, विशेष रूप से लंबी दूरी वाली ट्रेनों में अकेले या बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘मेरी सहेली’, ‘ऑपरेशन मातृशक्ति’ आदि जैसी अनेक पहलें की हैं।
‘मेरी सहेली’ टीमें लंबी दूरी वाली ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की ट्रेन यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति पर फौरन कदम उठाकर, प्रारंभिक स्टेशन से लेकर उनके अंतिम स्टेशन तक सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।
वर्तमान में, महिला आरपीएफ कर्मियों से युक्त 230 से अधिक समर्पित ‘मेरी सहेली’ टीमों को देश भर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किया गया है, जो 400 से अधिक ट्रेनों को कवर करती हैं और हर दिन औसतन चौदह हजार से अधिक महिला यात्रियों को सहायता प्रदान करती हैं। यह पूरे भारत में महिलाओं के लिए ट्रेन यात्रा को सुरक्षित बनाने की पहल के प्रति समर्पण तथा प्रभावशीलता को उजागर करता है। ये टीमें यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और संकट की स्थिति में सहायता प्राप्त करने के लिए उपलब्ध चैनलों के बारे में जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
संकट में फंसी महिलाओं को पुरुषों की बजाय महिलाओं पर भरोसा करना आसान लगता है। इसलिए, महिला आरपीएफ कर्मी ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। रेलवे सुरक्षा बल को सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में अपने रैंक में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक होने पर गर्व है। नई भर्ती की गई महिलाओं को उनकी कुशलता बढ़ाने के लिए ‘मेरी सहेली’ टीमों में शामिल किया जा रहा है। आरपीएफ की महिला कर्मी न केवल महिला रेल यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि मुसीबत में महिला यात्रियों की मदद भी करती हैं। कई महिलाएं गर्भावस्था के अग्रिम चरण में ट्रेन यात्रा करती हैं और उनमें से कुछ को यात्रा के दौरान ही प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है। आरपीएफ की महिला कर्मी ‘ऑपरेशन मातृशक्ति’ के तहत इन महिलाओं की निजता की रक्षा करते हुए उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक रूप से बच्चे के जन्म की सुविधा प्रदान करती हैं। आरपीएफ ने चालू वर्ष के दौरान अब तक ट्रेनों या रेलवे परिसरों में प्रसव के 130 मामलों में सहायता प्रदान की है।
