
Mumbai : जब भी कोई व्यक्ति पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाने जाता है तो उसे पेट्रोल पंप कर्मचारी जीरो चेक करने के लिए जरूर बोलता है। ऐसा इसलिए बोला जाता है ताकि आप चेक कर सके कि मीटर जीरो रुपये से चालू हुआ है। लेकिन अगर आप इसे नहीं देखते हैं और मीटर पहले वाले रकम से ही चालू हो जाता है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।

लेकिन क्या इस धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल जीरो देखना ही काफी है?आपको बता दे कि इस धोखाधड़ी से बचने के लिए मीटर पर जीरो के अलावा एक और जगह आपको पैनी नजर रखनी चाहिए और वो है फ्यूल डेंसिटी।
पेट्रोल पंप पर डीजल या पेट्रोल भरवाते समय आपको केवल मीटर में रुपये वाला ही जीरो देखना काफी नहीं है बल्कि आपको डेंसिटी भी चेक करनी चाहिए। डेंसिटी से फ्यूल की शुद्धता का पता चलता है। पेट्रोल पंप पर सेट की गई फ्यूल डेंसिटी सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार होनी चाहिए। अगर आपको फ्यूल की डेंसिटी तय की मात्रा से कम या ज्यादा दिखती है तो इसका मतलब फ्यूल में मिलावट की गई है।
पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए। अगर पेट्रोल की डेंसिटी 730 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम होती है तो इसका मतलब फ्यूल में पानी या अन्य कोई पदार्थ मिलाया गया है। इससे आपकी जेब पर असर पड़ सकता है और साथ में ही गाड़ी के इंजन को भी नुकसान होगा।
डीजल की डेंसिटी
इसके अलावा डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए। अगर इसमें फ्यूल डेंसिटी ज्यादा है तो जरूर इसमें मिलावट की गई है। इस तरह खराब डीजल भरवाने से आपके पैसे तो जरूर खराब होंगे और साथ में ही आपकी गाड़ी का इंजन भी जल्दी खराब होने लगेगा।
कैसे करें डेंसिटी चेक
अगर आपको पेट्रोल पंप पर फ्यूल डेंसिटी देखनी है तो आपको पेट्रोल मशीन पर डेंसिटी की स्क्रीन देखनी होगी। यहां पर आपको डेंसिटी की मात्र चेक करनी है। अगर डेंसिटी तय किए गए मानकों के अनुसार है तो फ्यूल असली है। अगर डेंसिटी में गड़बड़ दिखाई दे रही है तो फ्यूल में भी जरूर मिलावट होगी। आप इसकी शिकायत पेट्रोल पंप कर्मचारी से कर सकते है। अगर आपकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं तो आपकी इसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में भी कर सकते है।