
धर्मशाला। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला से धीरे-धीरे बड़ी व महत्त्वाकांक्षी परियोजनाएं छिटकने लगी हैं। किसी नई एवं बड़ी परियोजना का शुरू होना तो दूर की बात है, जो परियोजनाएं चल रही थी या जिनके लिए कार्य शुरू हो गए थे, उन्हें भी दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है, जिससे कांगड़ा जिला के लोग हैरान परेशान हैं। जिला मुख्यालय के साथ सटे शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के नरघोटा में पर्यटन विलेज बनाने को सरकार ने सता में आते ही बड़ा ऐलान किया और हिमुडा द्वारा ब्र्रिकी किए जा चुके प्लाटों को भी कैंसल कर संबंधित भूमि को पर्यटन विलेज के नाम कर दिया। हलचल ऐसी थी कि हिमुडा को अपने बिक्री किए हुए प्लाटों की धनराशि भी लोगों को वापिस करनी पड़ी और जमीन पर्यटन विभाग के नाम हो गई। इससे क्षेत्र के लोगों में एक नई उम्मीद जगी और शाहपुर व धर्मशाला के लोग सरकार की योजना से पर्यटन को पंख लगने की आशा करने लगे, लेकिन पिछले कुछ माह से इस परियोजना को ठंडे वस्ते में डाल दिया गया।

इतना ही नहीं जब पालमपुर में पर्यटन विलेज बनाने के लिए कृषि विवि की भूमि पर वहां के लोगों द्वारा विरोध होने लगा तो शाहपुर और धर्मशाला के लोग हैरान परेशान रह गए कि आखिर रातोंरात यह प्रोजेक्ट पालमपुर कैसे शिफ्ट हो गया। प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही कांगड़ा को प्रदेश की दूसरी राजधानी के बजाए पर्यटन राजधानी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन करीब साल के बाद भी धरातल को कोई योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। टूरिज्म राजधानी बनाने के लिए धर्मशाला के निकटवर्ती गांव नरघोटा में टूरिज्म विलेज बनाने के लिए प्लान तैयार हो गया था, लेकिन सरकारी अपेक्षा के चलते यह प्रोजेक्ट धीरे-धीरे सियासत की भेंट चढ़ गया। सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि नरघोटा में हिमुडा कालोनी बननी थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने यहां पर टूरिज्म विलेज बनाने का फैसला लिया। जिसके चलते हिमुडा को यह भू-भाग टूरिज्म विभाग के नाम स्थानांतरित करना पड़ा, लेकिन आज तक यहां पर टूरिज्म विलेज बनाने के लिए धरातल पर कोई काम देखने को नहीं मिला। या यूं कह लें कि न यहां हिमुडा कालोनी बनी न ही टूरिज्म विलेज बनाने की नीयत दिख रही है। सरकार के निर्णय बदलने और रातोंरात ऐसे निर्णय लेने से जनता में नराजगी बढ़ रही है। अब लोग धर्मशाला सहित कांगड़ा के मु्ददों पर सरकार के खिलाफ सडक़ों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं की इन मुद्दों पर चुपी से भी जनता हैरत में है और कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।