
सुबाथू। सुबाथू कालेज के सरकारी अधिकरण रद्द होने की अधिसूचना जारी होने के बाद से लगातार सुबाथू कालेज के छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने सरकार के फैसले का विरोध शुरू कर दिया था। हालांकि इस बीच कुछ विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में भी अपनी याचिका दायर कर दी थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने सरकार के कालेज अधिकरण रद्द करने के फैसले पर रोक लगाई है। फिलहाल कोर्ट के इस फैसले की अधिसूचना कालेज प्रबंधन समिति तक नहीं पहुंची है, लेकिन सोशल मीडिया पर कोर्ट के इस फैसले के बाद सुबाथू वासियों सहित कालेज छात्र-छात्राओं के बीच खुशी का माहौल बना हुआ है। विदित रहे कि सुबाथू कालेज को सरकारी अधिकरण करने की मांग पिछले कई वर्षों से चलती आई है।

पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में कालेज को सरकारी दर्जा दिया था। कालेज में सरकारी पट्टिका लगने के बाद सुबाथू सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से छात्र-छात्राओं ने दाखिला करवाया था, लेकिन परीक्षा के बीच में ही सरकार ने सुबाथू कालेज का सरकारी दर्जा समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया। सुबाथू कालेज के पूर्व सचिव मनीष गुप्ता ने कहा कि उनके संस्थान ने सरकार को कालेज से संबंधित सभी दस्तावेज सौप दिया है। सरकारी मानकों के अनुसार भी सुबाथू कालेज सरकारी अधिकरण के लिए योग्यता रखता है। उन्होंने कहा की माननीय कोर्ट के आदेश से छात्रों व उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। कालेज प्रधानाचार्य ने कहा कि फिलहाल उन्हें कालेज खोलने के कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं। आदेश जारी होते ही कालेज में कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी।