भाई से दूर रहने पर कैसे करें भाई दूज की पूजा, यहां जानें सही तरीका

सनातन धर्म में कई सारे त्योहार आते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन भाई दूज का पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है जो कि हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और तरक्की की कामना करती है साथ ही भाइयों का मनपसंद भोजन बनाकर उन्हें खिलाती है। ऐसा करने से रिश्तों में मजबूती और प्रेम बना रहता है इस साल भाई दूज का पर्व 15 नवंबर दिन बुधवार को देशभर में मनाया जाएगा। लेकिन अगर आप अपने भाई से दूर है तो परेशान होने की जरूरत है नहीं है आप दूर होते हुए भी भाई दूर के कुछ नियमों का पालन कर पूजा का पूरा फल प्राप्त कर सकती है तो आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं।
भाई दूज पर ऐसे करें पूजा—
आपको बता दें कि इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें इसके बाद पूजन स्थल की साफ सफाई करें। फिर जितने भाई आपसे दूर हैं उतनी संख्या में बाजार से नारियल के गोले लेकर आएं। फिर एक चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर उन गोलो को स्थापित करें। इसके बाद चौकी पर अष्टदल कमल के चित्र बनाएं। अब चावल और फूल को रखकर उस पर नारियल का गोला रख दें।
इसके बाद गंगाजल से गोले को स्नान कराकर रोली व चावल का तिलक लगाएं और पुष्प अर्पित करें पूजा के बाद मिठाई का भोग लगाकर उस पर जल अर्पित करें बाद में उन नारियल के गोलों की आरती करें। अब इन्हें पीले वस्त्रों से ढक कर शाम तक के लिए छोड़ दें। पूजा के बाद अपने भाई की लंबी उम्र और कष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद अगले दिन नारियल के उन गोलों को पूजा स्थल से उठाकर अपने पास सुरक्षित रख दें। मान्यता है कि इस तरह से पूजा करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।