
मंडी। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व एतिहासिक गुरू गोबिंद सिंह गुरुद्वारा मंडी में धूमधाम के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा में प्रकाश पर्व के अवसर पर विभिन्न कार्यक्र म आयोजित किए गए। हजूरी राग तख्त श्री केशगढ़ साहिब, श्री आनंदपुर साहिब से भाई नरेंद्र सिंह व हजूरी रागी गुरू की कांशी गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब की अगवाई में कीर्तन दरबार सुबह 11 बजे से शाम साढ़े 3 बजे तक चला। उसके बाद बच्चों का कवि दरबार सांय सवा 6 से रात्रि सवा 8 बजे तक आयोजित किया गया। बुधवार को गरुद्वारा में अटूट लंगर का भी आयोजन किया गया। प्रकाश पर्व के चलते गुरुद्वारा व भवनों को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया गया। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी मंडी के उप प्रधान गुरचरण सिंह ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व को लेकर बीती 11 जनवरी से शहर में प्रभात फेरियां निकाली जा रही थी और 16 जनवरी को मंडी शहर में भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।

उन्होनें कहा कि प्रकाश पर्व पर ऐतिहासिक गुरू गोबिंद सिंह गुरुद्वारे में अखंड पाठ साहब के भोग हुए और कीर्तन दरबार सजा, जिसमें रागी जत्थों द्वारा गुरबाणियों के माध्यम से गुरू महाराज की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार की आहूति दे दी और यही शिक्षा सिक्ख समाज को भी मिली है। उन्होंने लोगों से इस आयोजन में बढ़ चढक़र भाग लेने का आह्वन भी किया। वहीं, सिख श्रद्धालुओं में इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। गुरचरण सिंह ने बताया कि मंडी शहर में गुरु गोबिंद सिंह जी का ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। अपने जीवनकाल में गुरु गोबिंद सिंह यहां स्वयं आए थे और 6 महीने 18 दिन यहां पर रुके थे। आज भी इस गुरुद्वारे में उनकी पलंग, सितार, राइफ ल और बारूद भरने की कूपी मौजूद है और लोग इनके दर्शनों के लिए दूर-दूर से यहां पर आते हैं।