
ऊना। कृषि क्षेत्र से युवाओं को रोजगार देने की जापान सरकार की एजेंसी जाइका से वित्त पोषित हिमाचल फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत हर साल 20 से 25 युवाओं को जापान में आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण देने के लिए भेजा जाएगा। इसमें ऐसे युवाओं का चयन होगा जो परियोजना के तहत चिन्हित की गई सिंचाई योजनाओं के क्षेत्र विशेष से संबंध रखते हों और इनके माता-पिता इन सिंचाई योजनाओं के तहत आने वाले क्षेत्र के स्थायी निवासी व प्रगतिशील कृषक हों। इन युवाओं की शैक्षणिक योग्यता कम से कम बाहरवीं कक्षा हों और कृषि व्यवसाय में यह अपना करियर बनाने के इच्छुक हों। 2026 तक अलग-अलग बैच में करीब 150 युवाओं को प्रदेश सरकार जापान भेजेगी। इस चयन में शुरुआती चरण के सिलेक्शन में इन युवाओं को कौशल विकास निगम छह माह का शुरुआती प्रशिक्षण राज्य में ही देगा। इसमें इन्हें जापान के आचार व्यवहार, कानून, संस्कति, भाषा आदि का पूर्ण ज्ञान निगम की ओर से दिया जाएगा।

वहीं छह माह का राज्य में सरकारी खर्च पर होने वाला प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कौशल विकास निगम इन्हीं युवाओं का एक स्क्रीनिंग टेस्ट लेगी, जिसमें पास होने के बाद इन्हें जापान भेज दिया जाएगा। इनके वीजा और दूसरी औपचारिकताओं को कौशल विकास निगम की ओर से पूरा किया जाएगा। इन्हें एग्रीकल्चर इंटर्न का नाम दिया जाएगा। जापान पहुंचने के बाद वहां की सरकार में कृषि सहकारी संस्थाओं में इन युवाओं को कृषि के आधुनिकतम तौर तरीकों व विपणन आदि तक का पूरा प्रशिक्षण मिलेगा। बता दें कि इस प्रशिक्षण के दौरान इन्हें अगले तीन से पांच साल तक जापान में यह सब गतिविधियां जारी रखने का मौका मिलेगा और इस दौरान इन्हें हर महीने एक लाख रुपए का वेतन भी प्रशिक्षण भत्ते के तौर पर मिल सकेगा। जाइका एचपीसीडीपी में हिमाचल सरकार के मीडिया सलाहकार राजेश्वर ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रयास है कि प्रदेश भर के किसानों की न्यूनतम इतनी मासिक आय सुनिश्चित हो कि ये परिवार आर्थिक तौर पर आत्म निर्भरता की ओर बढ़ते चले जाएं। इसके साथ ही अगली पीढ़ी में कृषि के प्रति रुचि जगे और इसे प्रमुख व्यवसाय के तौर पर युवा अपनाएं, ताकि उन्हें बेरोजगारी के दंश से बाहर किया जा सके। हिमाचल प्रदेश कृषि विकास समिति की कार्य समिति की बैठक में इस योजना को हरी झंडी दी है।