आज करें माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा, जानें पूजा विधि

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन शारदीय नवरात्रि बेहद ही खास मानी जाती है जो कि मां दुर्गा की पूजा के लिए उत्तम समय होता है इस दौरान भक्त देवी मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि का त्योहार 15 अक्टूबर से आरंभ हो चुका है जिसका समापन 24 अक्टूबर को हो जाएगा।

आज यानी 17 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है जो कि मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को समर्पित होता है इस दिन भक्त देवी मां की विधि विधान से पूजा आराधना करते हैं और उपवास भी रखते हैं मान्यता है कि इस दिन मां चंद्रघंटा की अगर विधि विधान से पूजा अर्चना की जाए तो माता प्रसन्न होकर कृपा करती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मां चंद्रघंटा की संपूर्ण पूजा विधि और मंत्र।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि—
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है आप इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पूजन स्थल को पवित्र कर माता को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान कराएं। अब अलग अलग तरह के पुष्प, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित करें। इसके बाद केसर दूध से बनी मिठाईयों या खीर का भोग लगाएं। माता को सफेद कमल, लाल गुड़हल और गुलाब की माला अर्पित करें। फिर प्रार्थना करते हुए मंत्र जाप करें इस तरह से माता की विधि विधान से पूजा करने से साहस के साथ सौम्यता और विनम्रता में वृद्धि होती है।
मां चंद्रघंटा का मंत्र—
“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”
पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
बीजमंत्र—
ऐं श्रीं शक्तयै नम:।