
धर्मशाला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का अगले 5 साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बयान महज सियासी बयान नहीं है। मानसून में आई आपदा के जख्मों से उबर रहे प्रदेश को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए उनकी सरकार ने धरातल पर काम शुरू कर रखा है, जिसके रिजल्ट 2024 से दिखने लगेंगे। आलाकमान के आशीर्वाद से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। एक साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर मुख्यमंत्री जनता के समक्ष कड़े फैसले लेने की जरूरत बता चुके हैं। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में भले ही हिमाचली अर्थव्यवस्था की हालत पतली बताई गई है, लेकिन इस रिपोर्ट ने यह भी बताया है कि राज्य का राजस्व बढ़ रहा है। क्रिसमस व नए साल पर प्रदेश में आ रहा पर्यटकों का सैलाब अच्छा संकेत है। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों को सुखद अहसास करवाने के लिए पुलिस व प्रशासनिक तंत्र को सुपर एक्टिव मोड में रहने को कहा है। धर्मशाला में सम्पन्न हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पारित स्टाम्प फीस संशोधन बिल, हाईड्रो तथा सौर ऊर्जा की पॉलिसी में बदलाव के निर्णय हों, सुक्खू सरकार राजस्व बढ़ाने के हरसम्भव अवसरों को भुनाने को तैयार हैं। खनन का दायरा बढ़ाकर भी सरकार ने राजस्व बढ़ाने का खाका तैयार किया है।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान इन उपायों को लेकर सदन में विपक्ष के विरोध व हरेक तर्क का तथ्यों व वितर्क के जरिए उत्तर दिया। अपनी सरकार की 10 गारंटियों को अगले 4 साल में पूरा करने की ””गारंटी”” दे रहे सुक्खू इस मसले पर विपक्ष के विरोध से बेपरवाह होकर सिर्फ ””मिशन अर्थव्यवस्था”” पर आगे बढ़ने की ओर देख रहे हैं। मुख्यमंत्री संकेत दे चुके हैं कि टूरिज्म, इंडस्ट्री व ग्रीन एनर्जी पर अफसरों के साथ रिव्यू मीटिंग्स का दौर नए साल में और जोरशोर से चलने वाला है। सरकार के स्तर पर सभी संसदीय हलकों में संतुलन बनाने के प्रयास सिरे चढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री ने सत्ता में वापसी करवाने वाले जिला कांगड़ा पर फोकस बढ़ा दिया है। इंदौरा में 268 करोड़ रुपए के बड़े औद्योगिक निवेश के बाद नए साल में सुक्खू सरकार का पूरा जोर टूरिज्म कैपिटल के कॉन्सैप्ट पर रहने वाला है। मुख्यमंत्री का कहना है कि धर्मशाला में इंटरनैशनल कन्वैंशन सैंटर, बनखंडी में सफारी, बीड़ बिलिंग व धर्मशाला में एडवैंचर से जुड़े प्रोजैक्ट्स को धरातल पर उतारने पर सरकार फोकस करेगी। निजी निवेश ज्यादा से ज्यादा लाया जाएगा।
एक साल के कार्यकाल में व्यवस्था परिवर्तन की लीक पर चले मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव से पहले सियासी मोर्चे पर मिल रहीं चुनौतियों से निपटने को सक्रिय हो गए हैं। शीत सत्र में सभी मंत्रियों से संवाद बढ़ाने व नाराज चल रहे सहयोगियों के गिले-शिकवे दूर करने की सुक्खू ने पहल कर दी है। सत्र खत्म होने के बाद मंत्री पद से वंचित विधायक सुधीर शर्मा के घर जाकर उनसे अकेले में चर्चा इसी पहल की शुरूआत है। विधायकों की दिक्कतों व सुझाव पर सी.एम. दफ्तर खुद एक्शन लेगा। नए साल में संगठन व सरकार में कई असरदार नेता व पदाधिकारी अहम पदों पर तैनात होंगे। एक बड़े निजी न्यूज चैनल ने देश में करवाए एक सर्वे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को टॉप परफॉर्मैंस वाले शीर्ष 4 मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल किया है। आपदा में बेहतर राहत कार्यों को लेकर सुक्खू सरकार की तारीफ नीति आयोग व वर्ल्ड बैंक ने की है। आपदा के समय अपने बैंक खातों में जमा 51 लाख रुपए राहत कोष में दान देकर सुक्खू ने अपनी छवि संवेदनशील व धुन के पक्के राजनेता/ प्रशासक के तौर पर बनाई है। मुख्यमंत्री के प्रधान राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू टीम वर्क में विश्वास करते हैं। प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए उनकी टीम दिन-रात काम कर रही है। विकास के कार्यों पर मंत्रियों व विधायकों से लगातार चर्चा की जाती है। आई.टी.प् रधान सलाहकार गोकुल बुटेल का कहना है कि गुड गवर्नैंस व नए आइडियाज लाकर सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। ड्रोन, ई-व्हीकल्स व ग्रीन एनर्जी के एरिया में काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद हर प्रोजैक्ट की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।