प्रेम विवाह कर तीन बच्चों के पिता ने की थी पत्नी की हत्या, कबूला अपराध

सीकर। सीकर उद्योग नगर थाना पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए महिला का 20 माह पुराना कंकाल नवलगढ़ से बरामद किया है। मृतका राधाकिशनपुरा निवासी सुनयना तिवाड़ी (36) की हत्या पति जीवणराम जाखड़ ने हथियार से सिर पर वार करके की थी। दिन में वारदात के बाद वह उसके शव को रात को बोरी में बांधकर बाइक पर झुंझुनूं की तरफ ले गया था। करीब 35 किमी दूर नवलगढ़ के पास बलरिया मोड़ पर करीब 15 फीट गहरी खाईनुमा जगह पर ले जाकर फेंक दिया। खास बात ये भी है कि पहले से तीन बच्चों के पिता जीवण राम ने प्रेम प्रसंग के बाद मृतका सुनयना से दूसरी शादी की थी। उसकी हत्या भी उसने अन्य व्यक्ति से प्रेम प्रसंग के शक में ही की। उद्योग नगर थानाधिकारी सुरेंद्र देगड़ा ने बताया कि कंकाल बरामद कर उसका मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। एफएसएल की टीम ने भी कंकाल से साक्ष्य जुटाए हैं। आरोपी सांवली अस्पताल के पीछे रहने वाले जीवणराम (45) पुत्र हेमंत जाखड़ को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए तीन की रिमांड पर लिया गया है।

थानाधिकारी देगड़ा ने बताया कि जीवण राम ने मृतका के परिजनों के दबाव में पुलिस में दो बार रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें 18 दिसंबर 2022 को पहली रिपोर्ट में उसने सुनयना की गुमशुदगी और 5 जून 2023 को दूसरी रिपोर्ट में किसी व्यक्ति पर उसे बहला फुसलाकर ले जाने का संदेह जताया था। इससे उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार बीए पास जीवणराम निजी दंत चिकित्सकों के मरीजों के दांत तैयार करवाने में कूरियर का काम करता है। 1995 में ग्रामीण महिला से शादी के बाद उसके तीन बच्चे हुए। 2012 में रींगस निवासी सुनयना तिवारी बीमार पिता को दिखाने आई तो अस्पताल में उसकी मुलाकात जीवण राम से हुई। प्रेम प्रसंग होने पर 2013 में दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद सुनयना ने भी एक बेटे व बेटी को जन्म दिया। वह राधाकिशनपुरा में जोशी कंस्ट्रक्शन हाउस में रहकर बच्चों के पालन पोषण के लिए ब्यूटी पार्लर चला रही थी। घर से गायब रहने पर पहली पत्नी को शक हुआ तो तीन साल पहले जीवण ने दूसरी शादी का राज उसे बताया था।
पुलिस या किसी को भी शक ना हो इसलिए जीवणराम सुनयना से जन्मे बच्चों को सलीके से रख रहा था। पर जब उसने कुछ दिनों के लिए बेटी को अपनी धर्म की बहन के घर छोड़ा तो उसके माता- पिता की हादसे में मौत होना बताया। उसकी मां का नाम भी लक्ष्मी बताया। इसके अलावा हत्या के दिन उसने घर से बाहर नहीं जाने की बात कही, जो पुलिस की जांच में झूठी निकली। घटना की देरी से रिपोर्ट और उसके गलत चाल चलन की खबरों ने भी संदेह खड़े किए। इन्हीं आधार पर पुलिस ने एक सप्ताह से उसके साथ गहनता से पूछताछ की। इसमें आखिरकार टूटकर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। एसपी परिस देशमुख के निर्देशन में हुए खुलासे में थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह देगड़ा के अलावा एएसआई प्रभुसिंह, देवीलाल, मनोज, विकास, विष्णु और साइबर सैल कांस्टेबल अंकुश के अलावा कांस्टेबल मामराज की विशेष भूमिका रही।