जल्द होगा नीतीश कुमार की राजनीतिक कहानी का अंत : प्रशांत किशोर

पटना। बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों सुर्खियों में हैं. पहले उन्होंने विधानसभा में विवादित बयान दिया, इसके बाद गुरुवार को विधानसभा में जातिगत सर्वे और आरक्षण का दायरा बढ़ाने पर चर्चा हुई तो सीएम नीतीश और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बीच तीखी बहस हुई. सीएम नीतीश ने यहां तक कह दिया कि मांझी उनकी (नीतीश) की मूर्खता से सीएम बने. इस मामले में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ लोगों ने बिहार में हल्ला किया कि नीतीश विपक्षी गठबंधन INDIA का प्रधानमंत्री फेस होंगे, लेकिन उन्हें संयोजक तक नहीं बनाया गया. उन्हें कोई तरजीह तक नहीं दी गई.

प्रशांत किशोर ने कहा कि वह सिर्फ 42 विधायकों वाले MLA की पार्टी को चला रहे हैं. नीतीश कुमार को 75 साल की उम्र में पूछ कौन रहा है. उन्होंने कहा कि जैसे पिक्चर के अंत में 5 मिनट मार-धाड़ होती है, ठीक उसी तरह नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का क्लाइमेक्स चल रहा है. पीके ने कहा कि देश में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस है, कांग्रेस अपना नेता छोड़कर इनको क्यों पीएम बनाएगी. दूसरे नंबर पर तृणमूल है, तीसरे नंबर पर डीएमके है. तो ये पार्टियों नीतीश को अपना नेता क्यों मानेंगी. उन्होंने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि आप गठबंधन में ऐसी कौन सी नई चीज ला रहे हैं, जो दूसरे नहीं ला सकते हैं. नीतीश मुख्यमंत्री के जिस पद पर बैठे हैं, वो भी नहीं बचने वाला है. लोकसभा का चुनाव होने दीजिए, नीतीश कुमार की राजनीतिक कहानी का अब अंत आ गया है. नीतीश के जीवन का पटाक्षेप चल रहा है.
इससे पहले 7 नवंबर को विधानसभा में चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में महिलाओं की साक्षरता बढ़ी है. उन्होंने कहा कि लड़की पढ़ी लिखी रहेगी तो जनसंख्या नियंत्रित रहेगी. इसे समझना के लिए सीएम नीतीश ने कहा, ‘लड़की पढ़ लेगी अगर, तो जब शादी होगा. तब पुरुष रोज रात में करता है ना. उसी में और (बच्चे) पैदा हो जाता है. लड़की अगर पढ़ लेगी तो उसको भीतर मत …, उसको …. कर दो. इसी में संख्या घट रही है.’