भागलपुर स्वच्छता शिक्षा को सागर आयुक्त से हटाने के लिए मेयर ने नगर आयुक्त को भेजा पत्र

बिहार : शहरी इलाके में पिछले दो माह से नारकीय स्थिति को देखते हुए मेयर ने दोनों आउटसोर्सिंग एजेंसियों को हटाने की अनुशंसा की है. इसको लेकर मेयर डॉ. बसुंधरा लाल ने नगर आयुक्त को पत्र दिया है. मेयर की अनुशंसा के बाद निगम की राजनीति ने अचानक करवट ले ली है. आउटसोर्सिंग एजेंसियों का बचाव करने के चलते ही कई पार्षद पिछले एक माह से उनसे नाखुश चल रहे थे. अब गेंद नगर आयुक्त के जिम्मे आ गया है. मेयर के पत्र के बाद निगम प्रशासन में खलबली सी मच गई है. अब पर्व-त्योहारों का उत्सव शुरू हो रहा है.
मेयर ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम के द्वारा दो आउटसोर्सिग एजेंसियों को एनआईटी के तहत नियुक्त किया गया है. लेकिन इन दोनों एजेंसियों की कार्यशैली संतोषजनक नहीं है. इसके चलते पूर्व में भी दोनों कम्पनियों को सफाई व्यवस्था में सुधार करने का अल्टीमेटम दिया गया था.

पिछले हफ्ते ही बैठक में दोनों एजेंसियों के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि शहर की सफाई व्यवस्था में जल्द से जल्द उचित सुधार किया जाएगा. जिसके लिए उन्हें उचित समय भी दिया गया. उनके द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था एवं कचरा प्रबंधन का औचक निरीक्षण किया गया था. जिसमें पाया गया था कि प्रत्येक दिन सभी वार्डों में दो-पांच सफाईकर्मी अनुपस्थित हैं. जिसका असर सफाई पर पड़ा है.
एजेंसियों ने निगम की छवि धूमिल की
मेयर ने बताया कि उन्होंने आउटसोर्सिंग एजेंसियों को नगर आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन निरीक्षण के दौरान कहीं नहीं पाया. नगर आयुक्त ने एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वार्डों में अनुपस्थित सफाई कर्मियों की जगह वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अस्थाई प्रतिनियुक्ति करें. सफाईकर्मियों की कमी के चलते ही नगर निगम क्षेत्र में कूड़े के निस्तारण के मानकों में लगातार गिरावट आ रही है. एजेंसी निर्धारित समय-सीमा के अनुसार कचरा प्रबंधन का गुणवत्तापूर्ण कार्य में असमर्थ है. जिससे नगर निगम की छवि भी बहुत अधिक धूमिल हो गई है. इसलिए दोनों एजेंसियों को हटाने में भी निगम की भलाई है.