जातीय सर्वे को लेकर सुशील मोदी ने बोला राहुल गांधी पर हमला, लगाई सवालों की झड़ी, पूछी ये बड़ी बात

बिहार के पूर्व सीएम सह बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि राहुल गांधी बतायें, सभी कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय सर्वे क्यों नहीं हुए? कर्नाटक में सर्वे हुआ, 8 साल से रिपोर्ट जारी क्यों नहीं हुई? राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना सेंसस ऐक्ट के विरुद्ध, राज्यों में सर्वे संभव है. उन्होंने कहा कि · केंद्र की सभी सरकारों ने सेंसस के मामले में 1951 की नीति अपनायी. ममता बनर्जी जातीय सर्वे कराने के विरुद्ध हैं विपक्षी भी एकमत नहीं हैं.
जहां कांग्रेस की सरकार वहां क्यों नहीं हुआ जातीय सर्वे?
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूरे देश में जातीय जनगणना की बात करने वाले राहुल गांधी बतायें कि आज जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहाँ पिछले चार में जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया गया? सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि 2015 में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने कर्नाटक में जो सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट अब तक जारी क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि 2010में यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने संसद में कहा था कि देश भर में जातीय जनगणना कराना व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं.
 राज्य सरकारें जातीय सर्वेक्षण करा सकती हैं
सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस की पहली नेहरू सरकार ने 1951 में नीतिगत निर्णय लिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना के दौरान केवल अनुसूचित जाति-जन जाति के आंकड़े जुटाये जा सकते हैं. बाद की सभी केंद्र सरकारों ने यही नीति जारी रखी. उन्होंने कहा कि सेंसस ऐक्ट के अनुसार देश भर में जातीय जनगणना नहीं करायी जा सकती, लेकिन राज्य सरकारें जातीय सर्वेक्षण करा सकती हैं.
बिहार में हुए जातीय सर्वे की रिपोर्ट कब जारी करेगी सरकार?
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भाजपा की साझेदारी वाली सरकार ने जातीय सर्वे कराने का जो निर्णय किया, वह संवैधानिक था, इसीलिए कोई अदालत उस पर रोक नहीं लगा सकी. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे का काम जब पूरा हो चुका है, तब सरकार बताये कि इसकी रिपोर्ट कब जारी होगी?
सुशील मोदी ने कहा विपक्षी गठबंधन में जातीय सर्वे पर कांग्रेस की नीयत साफ नहीं और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में ऐसा सर्वे कराने के विरुद्ध हैं. राहुल गांधी पहले अपने गठबंधन में एक राय कायम करें. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार की 1931 की जातीय जनगणना के अनुसार देश में 3500 जातियाँ थीं. 2011 में जब जनगणना के साथ जातीय-सामाजिक सर्वे कराया गया, तब 46 लाख जातियाँ दर्ज करा दी गईं. सुशील मोदी ने कहा कि जातियों के पिछले राष्ट्रीय सर्वे के आँकड़े इतने भ्रामक, त्रुटिपूर्ण और अविश्वनीय थे कि उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया.


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