सुप्रीम कोर्ट परिसर में स्थापित हुई भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, राष्ट्रपति ने किया अनावरण

नई दिल्ली: संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर की कांस प्रतिमा का अनावरण किया. आजादी के 76 साल बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर में भारतीय संविधान के निर्माता भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने की पहल मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की. सात फीट ऊंची पंचधातु की इस प्रतिमा में बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर एक वकील की तरह गाउन और बैंड पहने हुए हैं. उनके हाथ में संविधान की प्रति है. इसे भारतीय मूर्तिकार नरेश कुमावत ने बनाया है.

भीम राव अंबेडकर की मूर्ति के अनावरण के मौके पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोग साफ हवा-पानी की आस लिए भी सुप्रीम कोर्ट आते हैं. हमारी न्यायिक प्रणाली में लोगों का इस कदर भरोसा है कि वे पोस्टकार्ड के जमाने से भी चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाते रहे हैं और संतुष्ट होते रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स इस बात की गवाह हैं. सीजेआई ने कहा कि ज्यूडिशियल सिस्टम में जनता का विश्वास ही हमारा श्रद्धा स्थान है. आम जनता के लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमेशा खुले हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि राष्ट्रपति बनने के बाद मुझे अनगिनत आईआईटी, आईआईएम, विश्वविद्यालयों में जाने और वहां प्रतिभाशाली छात्रों से मिलने का अवसर मिला. ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को न्यायपालिका में भेजकर उन्हें देश सेवा में आगे बढ़ाने के इंतजाम होने चाहिए. इसके लिए यूपीएससी के साथ ही राज्य स्तरीय चयन व्यवस्था हो. ताकि राज्य और जिला स्तर की न्यायपालिका में प्रतिभाशाली युवा अपनी सेवाएं दे सकें. ये मेरे विचार हैं. बाकी इसकी व्यवस्था यानी तंत्र बनाने की जिम्मेदारी मैं आपके विवेक (सुप्रीम कोर्ट) पर छोड़ती हूं.’
President Droupadi Murmu graced the Constitution Day Celebrations being organised by the Supreme Court of India in New Delhi. The President said that more varied representation of India’s unique diversity on Bench and Bar definitely helps serve the cause of justice better.… pic.twitter.com/pQlYlvOyfy
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 26, 2023