इजरायल राजदूत ने यूएन में दिखाया हमास लड़ाके द्वारा किए जा रहे क्रूरता का वीडियो

इजरायल। इजरायल और गाजा जंग को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष आपात सत्र चर्चा में बना हुआ है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत ने यूएन के 193 सदस्य देशों के समक्ष एक वीडियो पेश किया. इस वीडियो में हमास के एक लड़ाके को गार्डन टूल से एक इजरायली का सिर धड़ से अलग करते देखा जा सकता है. यूएन महासभा के इस विशेष आपात सत्र को जॉर्डन और मॉरिटेनिया सहित कुछ देशों के अनुरोध पर बुलाया गया है. इस दौरान इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर हॉल की हर सीट पर एक क्यूआर कोड वाला कागज रखा, जिस पर ‘हमास से गाजा की आजादी’ लिखा हुआ था. इजरायल ने बताया कि हमास की बर्बरता और क्रूरता से जुड़ी तस्वीरें देखने के लिए इस क्यूआर कोड को स्कैन करें.

हमास की बर्बरता का दावा करने वाली इन तस्वीरों की शुरुआत में जले हुए शवों के ढेर नजर आ रहे हैं. एक तस्वीर में एक नवजात बच्चा दिखाई दे रहा है, जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है. गाड़ियों में एक के ऊपर एक शव पड़े हुए हैं. एक तस्वीर में जली हुई महिला नजर आ रही है.
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने कहा कि ये ऑश्विट्ज नहीं बल्कि हमास है. बता दें कि ऑश्विट्ज नाजी सेना का सबसे बड़ा यातना शिविर था, जहां यहूदियों को प्रताड़ित किया जाता था. इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र हासभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इजरायल फिलिस्तीनियों के साथ नहीं बल्कि हमास के साथ युद्ध लड़ रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि इस ‘नरसंहार’ का फिलिस्तीनियों से कोई लेना-देना नहीं है.एर्दान ने कहा कि 7 अक्टूबर का नरसंहार और उसके बाद जो हुआ, उसका फिलिस्तीनियों से कोई लेना-देना नहीं है. इसका अरब-इजरायल संघर्ष से भी कुछ लेना-देना नहीं है. इजरायल की ये जंग सिर्फ जिहादी हमास के साथ है. इजरायल आधुनिक नाजियों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि जब तक हमास का सफाया नहीं हो जाता और हमारे बंधकों की घर वापसी नहीं हो जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे. इजरायल का मिशन इस बुराई को धरती से मिटाना है. आईएसआईएस इराक और सीरिया का इस्लामिक स्टेट था और हमास गाजा का इस्लामिक स्टेट है. तो जैसा आईएसआईएस के साथ हुआ, वैसा ही हमास के साथ भी होना चाहिए.
एर्दान ने कहा कि हमारा मकसद हमास को पूरी तरह से खत्म करना है. ये बदला लेने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए है ताकि ऐसा घिनौना अत्याचार दोबारा न हो सके. अगर इजरायल इसमें नाकामयाब हो जाता है तो पूरी दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.गाजा में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की मांग करते हुए अरब देशों की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव पर शुक्रवार को वोटिंग भी होनी है.