आवास निर्माण पर सरकार 16 हजार 3 करोड़ रुपए खर्च करेगी

राँची: केंद्र सरकार से राज्य के गरीबों को दिए जाने वाले आठ लाख से अधिक आवास की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य संपोषित अबुआ आवास योजना को स्वीकृति प्रदान की गई.
योजना के तहत आवास विहीन गरीब लोगों के लिए आठ लाख पक्का आवास निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है. इसके तहत प्रथम चरण वित्तीय वर्ष 23-24 में 02 लाख, 24-25 में 03 लाख 50 हजार एवं 25-26 में 02 लाख 50 हजार पक्का आवास का निर्माण किया जाएगा. 16,3 करोड़ रुपए की लागत से तीन चरणों में आवास का निर्माण होगा.
ऐसा होगा अबुआ आवास अबुआ आवास योजना के अंतर्गत तीन कमरों का पक्का मकान एवं रसोई घर बनाया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 31 वर्गमीटर होगा. योजना अंतर्गत तीन कमरों सहित स्वच्छ रसोई घर का प्रावधान किया गया है. योग्य लाभुकों के लिए योजना के तहत आवास निर्माण के लिए सहयोग राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का प्रावधान हुआ है. साथ ही, लाभार्थी को मनरेगा अंतर्गत अपने आवास के निर्माण के लिए वर्तमान मजदूरी (समय समय पर संशोधित) दर पर अधिकतम 95 अकुशल मानव दिवस के समतुल्य आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण के लिए प्राप्त होगा.
पेंशन निधि का कर्मचारियों ने किया स्वागत
झारखंड सरकार ने अपने राज्य कर्मियों के लिए एक सितंबर 22 से पुरानी पेंशन का बहाल किया है. एक ओर सरकार के इस निर्णय से कर्मचारी जहां उत्साहित हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की वित्तीय संस्थाएं इसे राज्य सरकार पर भविष्य में वित्तीय बोझ बढ़ाने वाला निर्णय बता रहे हैं.
सरकार ने इसका भी समुचित हल निकाल लिया है. नई पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार को कर्मचारियों के बेसिक और महंगाई भत्ते की 14 फीसदी राशि एनपीएस खाते में जमा करनी पड़ती थी, वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह राशि लगभग 700 करोड़ थी. राज्य सरकार ने अपने बजट प्रावधान में इस राशि का आवंटन जारी रखा है तथा प्रति वर्ष इसमें 10 फीसदी की वृद्धि करते हुए एक पेंशन निधि के गठन का निर्णय लिया है.
कैबिनेट की बैठक में पेंशन निधि की राशि को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं में निवेश करने का निर्णय लिया गया है. इस प्रकार नई पेंशन योजना के तहत नियुक्त कर्मचारी जब सेवानिवृत्त होंगे तब उन्हें पेंशन देने में सरकार को किसी तरह की वित्तीय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इनको आवास का मिलेगा लाभ

● कारा अस्पताल पारा चिकित्सा कर्मी संवर्ग संबोधन नियमावली 23 को मंजूरी
● पेंशन निधि की राशि वित्तीय संस्थानों में निवेश की जा सकेगी. अलग से पेंशन कोष में 700 करोड़ बजट प्रावधान किया गया है.
● ज्यूडिशियल अकादमी में नियुक्ति के लिए सर्विस रूल की मंजूरी
● डिग्री डिप्लोमाधारी छात्रों को एक साल का अप्रेंटिश प्रशिक्षण अंगीभूत विवि, महाविद्यालयों में कराने की मंजूरी
● अवर मत्स्य सेवा नियमावली 23 की स्वीकृति
● प्रोजेक्ट मैनेजमेंट युनिट के सुदृढीकरण के लिए प्रोफेशनल को नियोजित किया जाएगा, पदों का सृजन होगा. प्रोजेक्ट डायरेक्टर और डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर प्रोफेशनल बहाल होंगे.
● हुडको, आरईसी, एमसीडीसी से लिए गए लोन की वापसी को घटनोत्सर स्वीकृति
● बीआरपी, सीआरपी के मानदेय मद में अतिरिक्त भार की पूर्ति योजना मद से की जाएगी. बीआरपी व सीआरपी के मानदेय में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.
● सूचना प्राद्यौगिकी व ई गवर्नेंस विभाग व यूआईडीएआई के मध्य एकरारनामें का तीन सालों के लिए विस्तारीकरण.
● हस्तकरधा प्रक्षेत्र में भर्ती के लिए नियमावली 13 के संशोधन को स्वीकृति
● झारखंड राज्य वाणिज्यकर लिपिकीय सेवा संवर्ग नियमावली 23 के गठन की मंजूरी
● झारखंउ वरीय न्यायिक सेवा के तहत कैडर स्ट्रेंथ बदलाव को मंजूरी
● राज्य के सभी न्याय मंडलों में कागजों के क्रय व संपूर्ण व्यय के लिए आकस्मिक निधि से 1 करोड़ 65 लाख की स्वीकृति
● विधायक योजना की राशि लैप्स होने के पहले पीएल खाते में रखने का प्रावधान है, अब आवंटित राशि राष्ट्रीयकृत खातों में रखा जा सकेगा.
योजना का लाभ कच्चे घरों में रहने वाले परिवार, आवासविहीन और निराश्रित परिवार, विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (पीवीटीजी) के परिवार, प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर और वैसे परिवार, जिन्हें राज्य सरकार या केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण/बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आवास योजना / बिरसा आवास योजना/इंदिरा आवास योजना आदि आवास का लाभ नहीं दिया गया हो, उन्हें मिलेगा. उपर्युक्त पात्रता मापदंड के अनुसार लाभार्थी की स्थायी प्रतीक्षा सूची ग्राम सभा में तैयार की जाएगी.