
मंडी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री की पुण्य तिथि के अवसर पर गांधी भवन मंडी में जिला कांग्रेस कमेटी मंडी ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश महासचिव चेतराम ठाकुर ने की। सर्वप्रथम उनके चित्र पर पुष्प भेंट कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर चेतराम ठाकुर ने कहा कि लालबहादुर शास्त्री सादगी और साहस के प्रतीक थे। देशवासी उन्हें सम्मानपूर्वक ‘शास्त्री जी’ कह कर याद करते हैं। 2 अक्तूूबर 1904 को मुगलसराय में इनका जन्म हुआ था। सन् 1915 में वाराणसी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का भाषण सुनने के बाद उन्होंने देश सेवा का सकंल्प लिया। 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान उन्हें ढ़ाई वर्ष जेल हुई। 1937 में उत्तर प्रदेश के ससंदीय बोडज़् का संगठन सचिव चुना गया, भारत छोड़ो आंदोलन के समय उन्हें जेल भेजा गया। स्वतत्रंता प्राप्ति के बाद उत्तर प्रदेश का ससंदीय सचिव चुना गया। पंडित गोविंद वल्लभ पंत के मुख्यमंत्री काल में यूपी प्रांत के पुलिस व परिवहन मंत्री रहे। 1951 में एआईसीसी का महासचिव चुना गया।

1951 से 1956 तक केंद्र सरकार में रेलवे तथा परिवहन मंत्री रहे। 1961 में देश के गृहमंत्री बनें। पंडित जवाहर लाल नेहरु के निधन के बाद देश के प्रधानमंत्री बनें। भारत पाक युद्ध के दौरान शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। उनके प्रधानमंत्री काल में नेशनल डेयरी डिवेल्पमेंट बोर्ड की स्थापना हुई, हरित क्रांति के साथ ही श्वेत क्रांति को प्रोत्साहित किया गया। ताशकंद महासम्मेलन में 10 जनवरी 1966 को प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आयूब खान ने एक संधि पत्र पर हस्ताक्षर किए। उसी रात्रि को हृदयगति रुक जाने से आकस्मित निधन हो गया। वे निस्वार्थ देश सेवक थे। इस अवसर पर आकाश शर्मा, योगेश पटियाल, प्रदीप शर्मा, योगराज योगा, प्रवीण ठाकुर, भगवान सिंह ठाकुर, महेश कुमार, विनय कुमार, सुरेंद्र पटियाल, सोम्य सेन, गीतानंद, जितेंद्र कोंडल, जगदीश ठाकुर, डीडी ठाकुर उपस्थित रहे।