हरिद्वार: योगगुरु रामदेव ने कहा है कि पतंजलि ने आयुर्वेद को विश्वव्यापी बनाकर आयुर्वेद चिकित्सा के नए आयाम स्थापित किए. पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल आयुर्वेद को विश्व व्यापी बनाने एवं मॉर्डन मेडिकल साइंस संग एकीकृत रूप से काम करते हुए नई संभावनाओं पर कार्य कर रहा है. यह बातें उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल में शल्य विभाग के आधुनिक ऑपरेशन थियेटर का उद्घाटन करते हुए कही.
पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष योगगुरु रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने इसका उद्घाटन किया. इस मौके पर योगगुरु रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में शल्य क्रिया का वर्णन प्राचीनकाल से है, जहां महर्षि सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक कहा गया है. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आयुर्वेद में शल्य क्रिया को आधुनिकता से जोड़कर पतंजलि चिकित्सा जगत में नई क्रांति का सूत्रपात करने जा रहा है.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि शल्य क्रिया कोई पैथी नहीं अपितु एक कौशल है जिसे किसी भी पैथी के साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जा सकता है. वर्तमान में पतंजलि योगपीठ के शल्य चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र में ‘आयुर्वेद’ को ‘शल्य’ के साथ जोड़कर, क्षारसूत्र की अति प्राचीन विधि को अत्याधुनिक लेजर तकनीक के साथ एकीकृत करके चिकित्सा का नया आयाम प्रारंभ किया गया है. उन्होंने बताया कि पतंजलि का ओटी आधुनिकता और प्राचीनता का संगम है. आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि में जहां एक ओर योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म, षट्कर्म जैसी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों से रोगियों को आरोग्य प्रदान किया जाता है. पतंजलि के पास एनएबीएच मान्यता प्राप्त विश्व का सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, एनएबीएल मान्यता प्राप्त विश्वस्तरीय पैथोलॉजी लैब, आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित दंत चिकित्सा, नेत्र चिकित्सा व ईएनटी चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र हैं. इसके साथ ही यहां पर रेडियोलॉजी में एक्स-रे जांच एवं अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा भी उपलब्ध है. इस दौरान क्रय विभागध्यक्ष अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख पारूल, मुख्य महाप्रबंधक टीसी मल्होत्रा, वीपी शिवा प्रसाद गौरू, शल्य विभाग प्रमुख डॉ. सचिन गुप्ता और डॉ. अरुण पांडेय समेत पतंजलि के कर्मचारी मौजूद रहे.
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