जनाधार प्रमाणीकरण और डीबीटी से भुगतान प्रदेश के शिक्षकों के लिए बना समस्या

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। प्रतापगढ़ के पूर्व जिला मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि जनाधार प्रमाणीकरण और डीबीटी के माध्यम से भुगतान प्रदेश के शिक्षकों के लिए समस्या बनता जा रहा है. राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद व्यास व प्रदेश अध्यक्ष नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्य सचिव ने 13 फरवरी को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ नि:शुल्क गणवेश की समीक्षा बैठक में 85 प्रतिशत जन आधार प्रमाणीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है. और जिलों को 100 प्रतिशत डीबीटी बिल। दे दिया है। सीसीए नियमावली में 85 प्रतिशत से कम प्रगति वाले पीईईओ व शिक्षकों के खिलाफ राज्य स्तर से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जो उचित नहीं है। इससे पूरा शिक्षक समुदाय उत्साहित है। संस्था के शिक्षकों का कहना है कि आधार और जनाधार प्रमाणीकरण का काम शिक्षकों और स्कूलों का नहीं है। जिन परिवारों का जनाधार नहीं है, उनमें शेष बच्चों के नाम जोड़ना जिनका जनाधार बन चुका है।
जिनके नाम पहले से जुड़े हुए हैं और बैंक लिखने में हुई त्रुटियों को सुधारना शिक्षकों का काम नहीं है। खाता संख्या। शिक्षकों को नोटिस व सीसीए नियमों में कार्रवाई की धमकी देकर जबरन काम पर लगवाना तुगलकी फरमान जारी करने जैसा है। जिसका राजस्थान शिक्षक संघ पुरजोर विरोध करता है। इस संबंध में राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। सुनवाई नहीं होने पर शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। शिक्षकों ने बताईं समस्याएं: संस्था के प्रदेश महासचिव महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि प्रदेश के शिक्षकों ने सरकार और प्रशासन द्वारा दिए गए सभी कार्यों को हर हाल में पूरा किया है. लेकिन माता-पिता सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सीसीए नियमावली में कार्रवाई की धमकी के साथ क्षेत्र में आ रही समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए दबाव बनाकर काम कराने के निर्देश देना समीचीन नहीं है। संस्था के प्रदेश संगठन मंत्री प्रह्लाद शर्मा ने कहा कि निःशुल्क गणवेश सिलाई राशि के भुगतान का कार्य डीबीटी के स्थान पर प्रत्येक जिले के समग्र शिक्षा के माध्यम से किया जाये. माता-पिता की बैंक खाता डायरी की स्वप्रमाणित प्रति पीईईओ के माध्यम से करवानी चाहिए। जनाधार प्रमाणीकरण एवं डीबीटी के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए शिक्षकों एवं पीईईओ के खिलाफ की जा रही अनावश्यक कार्रवाई पर अंकुश लगाने की मांग की।
