मनोज शुक्ला हत्याकांड: 11 हत्यारों को मिली उम्रकैद की सजा

अयोध्या। अयोध्या के बहुचर्चित मनोज शुक्ला अपहरण एवं हत्याकांड में कोर्ट ने 11 अभियुक्तों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 21 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। फैसला अपर जिला जज प्रेम प्रकाश की अदालत से बुधवार को सुनाया गया। इसमें आशीष सिंह, विरेश सिंह, श्याम कुमार, विनीत कुमार पाण्डेय, श्रवण गोपाल पाण्डेय, शिवम सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, विकास तिवारी, सोनू सोनकर, राना सिंह, अनीस पाण्डेय शामिल है। वहीं मनुज मेहरोत्रा पर अपराध साबित न होने पर उसे बरी कर दिया।

मनोज शुक्ला की हत्या के दोषियों को बुधवार को सजा सुनाई गई। मनोज शुक्ला प्रॉपर्टी का काम करता था। जिसकी निर्मम हत्या 2019 की गई है। वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता सईद खान व सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रवीण सिंह विकास शुक्ला व राहुल सिंह ने बताया कि राघवेन्द्र शुक्ल ने कोतवाली नगर में तहरीर दिया, जिसमें बताया कि 12 जून 2019 की रात 11 बजे उसका छोटा भाई मनोज शुक्ला को वीरेश सिंह पुत्र स्व. वीपी सिंह उर्फ चट्टान सिंह के साथ सिविल लाइन एक होटल में खाना खाने गया।
वहां उसके भाई को आशीष सिंह पुत्र वीपी सिंह उर्फ चट्टान सिंह ने मारा पीटा तथा अपहरण कर लिया। इस संबंध में कोतवाली नगर में अपहरण का मुकदमा पंजीकृत हुआ। 15 जून 2019 को मनोज शुक्ला की लाश मसकनवां रेलवे थाना छपिया गोण्डा में मिली। फोटो के आधार पर मनोज की शिनाख्त हुई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने आशीष सिंह, विरेश सिंह, श्याम कुमार, विनीत कुमार पांडे, शिवम सिंह, धर्मेंद्र सिंह, विकास तिवारी, सोनू सोनकर, राना सिंह, अनीश पाण्डेय, श्रवण गोपाल पाण्डेय, मनुज मेहरोत्रा व अमन सिंह के खिलाफ अपहरण व हत्या की धारा में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
अपर जिला जज ने आरोपियों को धारा 302 में आजीवन कारावास व दस हजार अर्थदण्ड, धारा 201 में दो वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार अर्थदण्ड, धारा 364 में दस वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार अर्थदण्ड, धारा 323 में 6 माह के साधारण कारावास व पांच सौ रुपये अर्थदण्ड, धारा 147 में एक वर्ष के साधारण कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड, धारा 148 में प्रत्येक को दो वर्ष के साधारण कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी है। अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि में एक लाख दस हजार मृतक मनोज शुक्ला के भाई को प्रतिकर के रूप में देने के लिए कहा है। जिला जल ने सभी सजाएं साथ-साथ चलने के भी आदेश दिए है। जेल बिताई गई अवधि इसमें समायोजित की जाएगी।
मामले में सहअभियुक्त अमन सिंह का मुकदमा किशोर न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया। अन्य अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई अदालत में हुई। इस दौरान मुख्य अभियुक्त आशीष सिंह को आजमगढ़ श्रवण कुमार को बस्ती जेल भेज दिया गया। अभियोजन की तरफ से 15 गवाह और बचाव पक्ष से आठ गवाह न्यायालय में पेश किए गए। अधिवक्ता मार्तंड प्रताप सिंह की बहस सुनने के बाद मनुज मेहरोत्रा पर अपराध साबित न होने पर उसे बरी कर दिया गया, अन्य 11 अभियुक्तों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाते वक्त अदालत के बाहर काफी भीड़ जमा रही। गई।