नवरात्रि के छठे दिन कात्यायनी माता की पूजा में पढ़ें आरती, स्तुति और बीज मंत्र

ज्योतिष न्यूज़: आज यानी 20 अक्टूबर दिन शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है जो कि मां दुर्गा के छठे स्वरूप को समर्पित है इस दिन भक्त देवी मां कात्यायनी की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है।

मां कात्यायनी की स्तुति—
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां कात्यायनी प्रार्थना मंत्र—
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कात्यायनी बीज मंत्र
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम
1. ओम देवी कात्यायन्यै नमः॥
2. एत्तते वदनम साओमयम् लोचन त्रय भूषितम।
पातु नः सर्वभितिभ्य, कात्यायनी नमोस्तुते।।
मां कात्यायनी की आरती—
जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा।
कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की।
झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।
भंडारे भरपूर करेगी।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।