जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर संग तीन फंसे
कानपूर: लखनपुर स्थित स्टेट जीएसटी के दफ्तर से रात के अंधेरे में चुपचाप प्रतिबंधित प्लास्टिक लदे ट्रक को निकालकर पार कराने की कोशिश में एसजीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर समेत तीन फंस गए हैं. इन पर आरोप है कि नगर निगम प्रवर्तन दल ने जब पांच की रात में गुरुदेव चौराहे पर ट्रक को पकड़ा तो ये छुड़वाने के लिए सरकारी वाहन से पहुंच गए.
एसजीएसटी के संयुक्त आयुक्त ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार करके सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक इसमें एक असिस्टेंट कमिश्नर, सचल दल के चालक और सेवक (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) को दोषी पाया गया. नगर निगम प्रवर्तन दल के कर्नल आलोक नरायण के इस दावे की भी जांच में पुष्टि हुई है कि ट्रक एसजीएसटी के दफ्तर में था. वहां से ही रात में एक बार निकालने की कोशिश हुई. बाद में 3 बजे तड़के दोबारा ट्रक को निकाला गया जिस पर एक सिपाही भी बैठा था. ट्रक पकड़ा गया तो जो बुलेरो कार पीछे से आई उसका नंबर यूपी 32 ईजी 27 ही था. जांच में इसकी भी पुष्टि हो गई. इसी कार से असिस्टेंट कमिश्नर अन्य कर्मचारियों संग उतरे थे और ट्रक को छोड़ने के लिए कह रहे थे. इसी आधार पर तीनों से जवाब तलब किया गया. आरोप पत्र भी दिया गया है. अब रिपोर्ट प्रमुख सचिव वाणिज्य कर के साथ डीएम को भी सौंपी जाएगी.
ई-वे बिल भी रहा जांच के दायरे में जांच के दायरे में ई-वे बिल भी रहा. दरअसल, नगर निगम प्रवर्तन दल ने ट्रक चालक से ई-वे बिल भी लिया था जिस पर अंकित था कि इसमें कंटेनर (बॉक्स) लदा हुआ था. खोलने पर पता चला 329 कार्टन प्लास्टिक ग्लास की खेप है जिसका वजन कुल 14.80 कुंतल है. यह ट्रक जैनपुर रनिया स्थित बाबा आनंदेश्वर थर्मोप्लास्ट फैक्टरी से संत कबीर नगर ले जाया जा रहा था. इस बात का भी खुलासा हो गया कि ई-वे बिल गलत बनाया गया था.