नदी में गाडी चलाने वाले चालक पर कड़ी कार्रवाई

मनाली। क्रिसमस के दिन ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक चालक ने हिमाचल प्रदेश की सुदूर लाहौल घाटी में बर्फ से ढकी चंद्रा नदी के किनारे कार चलाई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली नंबर एसयूवी (कार) चालक की पहचान की गई है और 3,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने पर्यटकों को चेतावनी दी कि वे पहाड़ों में छुट्टियां मनाने के दौरान शराब पीकर ड्राइविंग न करें, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान न करें, स्टंट ड्राइविंग न करें और वाहनों की बेतरतीब पार्किंग न करें, जिससे ट्रैफिक बाधित हो।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि एसयूवी (डीएल4सी बीबी 5780) की पहचान सीसीटीवी फुटेज के जरिए की गई और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत 3,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। चंद्रा नदी से होकर गुजरती थार एसयूवी का एक वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। स्थानीय लोगों ने इसकी तीखी आलोचना की है। पिछले दो दिनों से मनाली और लाहौल-स्पीति जिले में बर्फ से ढके केलांग के बीच ट्रैफिक जाम हो गया है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पिछले दो दिनों में 1 लाख 50 हजार लोगों को ले जाने वाले लगभग 28 हजार वाहन मनाली को लाहौल से जोड़ने वाली अटल सुरंग रोहतांग से गुजरे। उन्होंने कहा कि लापरवाही और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने पर जुर्माना लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ट्रैवल एजेंटों ने आईएएनएस को बताया कि मनाली जाने वाले पर्यटकों का एक बड़ा हिस्सा अटल सुरंग के खुलने के साथ लाहौल में स्थित गांवों की एक दिन की यात्रा को प्राथमिकता देता है।
मनाली, हिमाचल प्रदेश
~सड़कों पर लगा जाम, तो नदी में कुदा दी Mahindra Thar
~ जाम से तो बच गए, पर पुलिस के भारी जुर्माने से नहीं बच पाए 😂@anandmahindra jee, have you ever expected any Thar owner doing this to beat the traffic jam?
😀😁 pic.twitter.com/QK14wiv81p— ऋषि हिंदुस्तानी 1.0 (@rishigeorgian) December 26, 2023
अधिकारी मानते हैं कि लाहौल में पर्यटकों की अनियमित आवाजाही टिकाऊ नहीं है और इसका नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और यहां के लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है। एक अधिकारी का कहना है कि पर्यावरण पर इसके प्रभाव में वनस्पति का क्षरण, प्रदूषण और कचरे का संचय शामिल है। हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, 10,354 फीट की ऊंचाई पर स्थित जिला मुख्यालय केलांग आपको बौद्ध धर्म और मठों की भूमि पर ले जाता है और रोमांच का आनंद भी प्रदान करता है। पूरी घाटी में इस समय माइनस 15-20 डिग्री सेल्सियस की हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। स्थानीय आबादी मुख्यतः ग्रामीण है, जो 521 गांवों में फैली हुई है। लाहौली ज्यादातर किसान हैं, जो मटर और आलू जैसी नकदी फसलें उगाते हैं।