
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को कथित तौर पर वीजा जारी करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए, जो एक महीने से भी कम समय में उनकी तीसरी गवाही थी।

तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से 52 वर्षीय विधायक से इस मामले में पिछले साल 23 दिसंबर और 2 जनवरी को पूछताछ की गई थी और केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया था।
कार्ति शुक्रवार सुबह तीसरी बार दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय गए। समझा जाता है कि इस बार भी उनकी गवाही चीनी वीज़ा से जुड़े पीएमएलए मामले के संबंध में थी।
उन्होंने इस मामले को “सबसे फर्जी” बताया था और कहा था कि उन्हें “निश्चितता है कि उन्होंने 250 तो क्या, एक भी चीनी नागरिक को वीजा प्रक्रिया में मदद नहीं की।”
उन्होंने कहा था कि यह मामला उनके जरिए उनके पिता वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को निशाना बनाने की कोशिश है.
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