रामकथा की अनुमति नहीं मिलने पर भड़के रामभद्राचार्य

बेतिया : धर्मगुरु रामभद्राचार्य ने दो दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में होने वाले रामकथा आयोजन की अनुमति नहीं मिलने पर असंतोष जताया है. उन्होंने अपना असंतोष जाहिर करते हुए यहां तक कह दिया कि मैं गांधी मैदान की कहानी अब तभी बताऊंगा, जब यह सरकार उखाड़ फेंकेगी. चित्रकुट तुलसी पीठ के अधिष्ठाता जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य इन दिनों बिहार के पश्चिमी चंपारण के रामनगर में रामकथा का वाचन करते हैं।

उन्होंने कहा कि कथा का आयोजन दो दिसंबर से पटना गांधी मैदान में किया जायेगा. यह योजना एक वर्ष की अवधि के लिए प्रस्तावित थी, लेकिन पटना आयुक्त ने मंजूरी नहीं दी. उन्होंने आगे कहा, ”बिहार में जंगल राज और गुंडा राज ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा. गांधी मैदान इसी देश का हिस्सा है. ठीक है, अब मैं तुम्हें ख़त्म करने के बाद कहानी सुनाने के लिए पटना के गांधी मैदान आऊंगा।”
रामभद्राचार्य ने आगे कहा, “रामचरितमानस बहुत जल्द राष्ट्रीय ग्रंथ बन जाएगा। उनकी निंदा करने वालों को देशद्रोह की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि मैं जातिविहीन वैदिक हिंदू धर्म सनातन का अनुयायी हूं। जो भी राम कृष्ण के खिलाफ है, मैं उससे सहमत हूं: “मैं हिंदुओं की पूजा करता हूं।”