
पटना: अपने सीनियर पदाधिकारी डीजीपी को झांसा देने और शराब कांड में आरोपी आईपीएस आदित्य कुमार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शराबबंदी कानून के तहत उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की अदालत ने यह फैसला दिया है। इस मामले में 28 मई 2022 को उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। गया के पूर्व एसएसपी और निलंबित आईपीएस आदित्य कुमार पर 2021 में एक जब्त की गई कार से बरामद शराब के मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप था।

शराब के खिलाफ जारी कार्रवाई में फतेहपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक लग्जरी कर से 170 लीटर शराब जप्त की थी। आरोप लगाया गया कि एसएसपी की हैसियत से आदित्य कुमार ने अपनी रिपोर्ट में सभी आरोपियों को मुक्त कर दिया। इसे लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। यह मामला 26 मार्च 2021 का है। इसी मामले में गया एक्साइज कोर्ट ने आदित्य कुमार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
आदित्य कुमार की ओर से इस मामले में पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। बताया जाता है कि इस शराब कांड के मामले को खत्म करने के लिए ही आदित्य कुमार ने पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस के नाम पर उस समय के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करवाया था। उनके कथित दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने कॉल किया था। सच्चाई उजागर होने के बाद आदित्य कुमार पर कार्रवाई का शिकंजा कस गया और वह फरार चल रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने पर न्यायालय का आदेश मानते हुए आईपीएस आदित्य ने 5 दिसंबर को पटना कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उन्हें बेऊर जेल भेज दिया। बुधवार को पटना हाई कोर्ट के जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की अदालत गया कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और आईपीएस के खिलाफ चल रहे केस को निरस्त कर दिया। लेकिन दूसरे मामले में आदित्य अभी भी जेल में बंद हैं।