भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास का ऊर्जा कनवर्टर तटीय क्षेत्रों को ‘सशक्त’ बनाने में मदद करेगा

चेन्नई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-एम) के शोधकर्ताओं ने एक ‘संयुक्त विद्युत उत्पादन प्रौद्योगिकी’ का पेटेंट कराया है जो ज्वारीय और पवन दोनों स्रोतों से बिजली उत्पन्न कर सकती है। इस उपकरण को बिजली उत्पादन, पारेषण और भंडारण के लिए मोबाइल वाहन पर लगाया जा सकता है।

एक विज्ञप्ति के अनुसार, वर्तमान नवाचार एक ऊर्जा कनवर्टर प्रणाली है जो तटीय क्षेत्रों में बिजली पैदा करने में मदद करती है। तटीय क्षेत्र में बिजली की आवश्यकताओं के आधार पर कनवर्टर प्रणाली को तैनात किया जा सकता है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “वाहन की छत पर लगा पवन टरबाइन पवन ऊर्जा उत्पन्न करने और ज्वारीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए कनवर्टर तकनीक का उपयोग करेगा।” यह शोध आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अनुसंधान विद्वान साधम यूसेन रामासामी और आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर ए शेषाद्री शेखर द्वारा किया गया था, जो वर्तमान में आईआईटी पलक्कड़ में इसके निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्ति पर हैं।