
नई दिल्ली: टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा से उनका सरकारी बंगला खाली कराने के लिए टीम को भेजा गया है। उन्हें इस बारे में नोटिस दिया गया था, लेकिन समय रहने टीएमसी नेता ने बंगला नहीं छोड़ा गया। इसके बाद टीम भेजने का फैसला लिया गया। पिछले महीने ही महुआ मोइत्रा को संसद में कैश के बदले सवाल पूछने के आरोपों में सदन से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें आदेश मिला था कि वह सरकारी आवास को भी छोड़ दें। हालांकि महुआ मोइत्रा ने इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया था। अंत में अब उनसे जबरन ही आवास खाली कराने का फैसला लिया गया है।

महुआ मोइत्रा ने घर खाली करने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट का भी रुख किया था, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली थी। गुरुवार को ही अदालत का फैसला आया था और अब शुक्रवार को केंद्र सरकार ने टीम भेज दी है। एक अधिकारी ने बताया कि सांसद के तौर पर महुआ को घर मिला था। अब उनके पास सांसदी नहीं है तो उसके एवज में मिले घर को भी छोड़ना होगा। मोइत्रा को डायरेक्टोरेट और एस्टेट्स की ओर से नोटिस मिला था, जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए मेडिकल कारणों का हवाला दिया था।
उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस काठपालिया ने कहा था कि ऐसा कोई नियम अदालत के समक्ष पेश नहीं किया सका है, जिसमें यह हो कि सांसदी जाने के बाद भी कोई संसद सदस्य सरकारी आवास में रह सकता है।