गैंगस्टर डब्ल्यू मिश्रा भोजपुर से गिरफ्तार, छह साल से चल रहा था फरार, फायरिंग समेत कई मामले हैं दर्ज

झारखण्ड | गैंगस्टर और बागबेड़ा के कृष्णानगर निवासी डब्ल्यू मिश्रा को बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत तियर से गिरफ्तार कर लिया गया. उसके चार साथियों को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने डब्ल्यू मिश्रा के पास से हथियार भी बरामद किया है. उसको लेकर पुलिस की टीम जमशेदपुर के लिए रवाना हो गई है. बागबेड़ा के शंख मैदान में दो दिन पहले हुई फायरिग में अमन पाठक और उसके साथियों को पुलिस ने पकड़ा था. उनसे पूछताछ के बाद ही इस बात की जानकारी मिली थी कि डब्ल्यू मिश्रा बिहार में है.
डब्ल्यू मिश्रा पर फायरिंग सहित अन्य कई आरोप हैं. वह छह साल से फरार चल रहा था. उसकी तलाश में पुलिस की टीम ने कई बार दबिश दी थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही थी. पहले इसके लिए एक टीम का भी गठन किया गया था. इधर, उसके बारे में सुराग मिलने के बाद जमशेदपुर से पुलिस टीम का सड़क मार्ग से बिहार के बक्सर के लिए रवाना हुई थी. वहां दबिश दी गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया. बाद में भोजपुर जिले के तियर थाना इलाके से उसे पकड़ लिया गया. उसकी प्रतिद्वंदिता जमशेदपुर के गैंगस्टर रंजीत के साथ है. पहले उसने रंजीत सिंह के अड्डे पर फायरिंग की थी. उसके बाद से ही वह फरार है. उसके घर की कुर्की-जब्ती भी हो चुकी है. उसने बागबेड़ा में अपना एक अलग गिरोह बनाया था और हाल के दिनों में छिटपुट रंगदारी मांगने के मामले में वह लिप्त था.
वर्ष 2018 में दिया था कई घटनाओं को दिया अंजाम
बागबेड़ा, परसूडीह व सुंरदरनगर में डब्ल्यू मिश्रा गिरोह द्वारा रंगदारी की मांग की जाती थी. उसके प्रतिद्वंदी संजीत साव गिरोह के बीच गैंगवार चल रहा था. इसका कारण जुआ-मटका, अवैध शराब से लेकर चोरी-छिनतई की घटनाओं पर वर्चस्व जमाना था. डब्ल्यू गिरोह के सदस्य सोनू मिश्रा की हत्या के बाद गैंगवार बढ़ा. 28 नवंबर 2018 को ममता देवी पर फायरिंग, 11 नवंबर 2018 को अंशुमन की हत्या, 22 अक्तूबर को मन्ना महतो पर फायरिंग, दो अक्तूबर को रंजीत साव के पिता पर फायरिंग की गई.
