
कुशीनगर। कुशीनगर जिले के खड्डा थाना क्षेत्र से एक चौकाने वाला मामला सामने आया. एक व्यवसाई ने चालक से गाड़ी रोकवाकर पनियहवा पुल पर टहलने की बात कहकर गंडक नदी में कूद गया. सूचना पर स्थनीय पुलिस और एसडीआररफ कि टीम व्यवसायी की तलाश में जुट गई. SDRF की टीम व स्थानीय नाविक जुटे रहे है. हालांकि, बीस घंटे बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया है. परिजनों के मुताबिक वह मानसिक रोग से ग्रसित थे.

जिले के खड्डा थाना क्षेत्र के पनियहवा पुल से ठूठीबारी कस्बे के रहने वाले किराना व्यवसायी नागेश्वर रौनियार (55) आज सुबह (शुक्रवार) को अपने चालक मोहम्मद इब्राहिम के साथ कार से महराजगंज गए थे. चालक ने बताया कि सेठजी ने वहां से मदनपुर देवी दर्शन करने की इच्छा जताई. शाम को खड्डा थाना क्षेत्र के सालिकपुर पुलिस चौकी के पास पहुंचे तो उन्होंने अचानक लौटने की बात कही. जब पनियहवा पुल पर पहुंचे तो गाड़ी रोकवा दी और खैनी बनाने के लिए उतरें और उसके बाद पुल पर टहलने लगे.
इसी बीच एक ट्रेन गुजरी, उसके तुरंत बाद नदी में कुछ गिरने की आवाज आई. जब दौड़कर पहुंचा तो वह पानी में डूब रहे थे. बचाने की आवाज लगा रहे थे. चालक ने शोर मचाया तो तब वहां पर मौजूद लोग व सालिकपुर पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन वह नहीं मिले. नाविकों से भी उनकी खोजबीन कराई गई.
खड्डा थाना प्रभारी निरीक्षक नीरज राय का कहना है कि ठूठीबारी के व्यवसायी के नदी में कूदने के बाद एसडीआरएफ व स्थानीय नाविक तलाश कर रहे हैं. बिहार पुलिस से भी तलाश करने के लिए संपर्क किया गया है. पनियहवा घाट पर मौजूद परिजनों ने बताया कि नागेश्वर रौनियार बहुत पहले से मानसिक बीमारी से ग्रसित थे और उनका गोरखपुर में इलाज चल रहा था. दो बार पहले भी जान देने की कोशिश की थी. उनके दो बेटे व दो बेटियां और पत्नी भी हैं. उनकी ससुराल बगहा में है.