
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के मंत्रियों को विभाग बंटने के बाद अब प्रशासनिक अधिकारियों की सर्जरी भी जल्द होगी। इस बदलाव में मुख्यमंत्री सचिवालय में नए अधिकारियों की नियुक्ति होगी। साथ ही मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के विभाग में भी बड़े फेरबदल के संकेत हैं। मंत्रालय के अलावा संचालनालय के विभागीय अधिकारियों की भी बदली की जाएगी। वहीं जिलों के कलेक्टर-एसपी भी बदले जाएंगे। पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में बड़े विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे और जिला स्तर पर करीबी रहे कलेक्टरों की नई पदस्थापना के संकेत हैं। इनमें मंत्रालय से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सिद्धार्थ कोमल परदेसी, अंकित आनंद, डा. एस.भारतीदासन, मनोज कुमार पिंगुआ, प्रसन्ना आर, टोपेश्वर वर्मा, भीम सिंह, किरण कौशल ,जेपी मौर्य, संजीव झा, दीपक सोनी, विनीत नंदनवार, डा. सर्वेश्वर भुरे, सौरभ कुमार, राजेंद्र कटारा, अन्बलगन पी, अलरमेलमंगई डी, पदुमसिंह एल्मा, नीलम नामदेव एक्का, डोमन सिंह व अन्य शामिल हैं। वहीं पिछली सरकार से दूर रहे अफसरों में आइएएस पी.दयानंद का कद बढ़ चुका है। उन्हें मुख्यमंत्री का सचिव नियुक्त किया जा चुका है।

इसके अलावा अब आइएएस भुवनेश यादव, मोहम्मद अब्दुल केसर हक, पोषण लाल चंद्राकर, शिखा राजपूत तिवारी, डा. सीआर प्रसन्ना, रीता शांडिल्य, राजेश सिंह राणा, राजेश सुकुमार टोप्पो, एस. प्रकाश, आर.संगीता, राहुल वेंकट, अवनीश शरण, आर वेंकट, अभिजीत सिंह, बसवराजू एस. और इंद्रजीत चंद्रवाल समेत अन्य अधिकारियों का भी कद बढ़ सकता है। भूपेश सरकार में संविदा नियुक्त किए गए अफसरों को हटाया जा सकता है। इनमें अमृत कुमार खलको, डीडी सिंह और निरंजन दास शामिल हैं। वहीं संविदा के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने स्वयं ही इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश में पुलिस महानिदेशक के बदले जाने के भी संकेत हैं। अशोक जुनेजा को हटाने की स्थिति में सरकार वरिष्ठता क्रम के आइपीएस अफसरों अरुण देव गौतम, हिमांशु गुप्ता के साथ-साथ अन्य नामों पर विचार कर सकती है। डीजीपी स्तर पर फेरबदल होने का साथ-साथ निचले स्तर पर भी फेरबदल तय है। संविदा नियुक्ति के बाद ईओडब्ल्यू एवं एसीबी की जिम्मेदारी संभाल रहे डीएम अवस्थी एवं अन्य अफसरों के प्रभार भी बदले जाएंगे । पुलिस में एडीजी एसआरपी कल्लूरी प्रभावशाली पद में रहेंगे। आइपीएस अमित कुमार, विवेकानंद सिन्हा और प्रदीप गुप्ता को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
आइपीएस अधिकारी लाल सिंह उमेंद, अजातशत्रु बहादुर सिंह और शशि मोहन राजधानी में लौट सकते हैं। इसके अलावा रजनेश सिंह, संजय सिंह, हेमप्रकाश नायक, डीएसपी निमेश बरैया व अन्य की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। प्रदेश के वन विभाग में भी भूपेश सरकार में सात आइएफएस अफसरों को सुपरसीड कर वी.श्रीनिवास राव को वन बल प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी इस नियुक्ति का विरोध भी जारी है। वरिष्ठ वन अफसरों में सुधीर कुमार अग्रवाल वरिष्ठ होने के कारण इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार हैं। इसलिए अग्रवाल ने इस नियुक्ति के खिलाफ शिकायत की है। इसके अलावा आइएफएस संजय ओझा, अनिल राय समेत अन्य अधिकारियों ने भी इस नियुक्ति को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। प्रदेश में कई अफसर प्रतिनियुक्ति खत्म कर छत्तीसगढ़ लौट सकते हैं। इनमें 1993 बैच के आइएएस अमित अग्रवाल मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं। वह वर्तमान में यूआइडीएआइ में सीईओ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आइएएस सुबोध सिंह भी लौट सकते हैं वह वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में डीजी के पर पदस्थ हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में पदस्थ डा.रोहित यादव, नाडा की सीईओ ऋतु सेन और ग्रामीण विकास मंत्रालय में पदस्थ अमित कटारिया भी प्रतिनियुक्ति से वापस आ सकते हैं।