फायरिंग के 70 मामले आपसी विवाद के


झारखण्ड | शहर में पिछले 3 साल में हुई फायरिंग के मामलों की पुलिस जांच कर रही है. इनमें 70 मामले ऐसे सामने आए हैं, जिसमें आपसी विवाद में फायरिंग की गई.
पुलिस 21 मामलों की जांच कर पता लग रही है कि बदमाशों के पास फायरिंग के लिए हथियार कहां से आए थे. इसका उद्देश्य अवैध हथियारों के तस्करों तक पहुंचना और उनपर कार्रवाई करना है, जो अवैध हथियार के साथ घूमते हैं. इसके लिए पुलिस 3 साल के पुराने मामलों की जांच कर रही है. इनमें वैसे मामले शामिल हैं, जिनका मुकदमा अब भी अदालत में विचाराधीन है. इससे आर्म्स एक्ट के आरोपियों को सजा दिलाने में भी सहूलियत होगी. एसएसपी के आदेश पर इसके लिए एसटीएफ का गठन किया गया है. टीम जांच के साथ कार्रवाई करते हुए आर्म्स सप्लायर तक पहुंचेगी. हर थाना के केस को जिला मुख्यालय में तलब किया गया है.
फायरिंग के पुराने मामलों की विवेचना की जा रही है, ताकि आर्म्स एक्ट के मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने के साथ आर्म्स सप्लायर तक पहुंचा जा सके.
- अनिमेष गुप्ता, डीएसपी सीसीआर

झारखण्ड | शहर में पिछले 3 साल में हुई फायरिंग के मामलों की पुलिस जांच कर रही है. इनमें 70 मामले ऐसे सामने आए हैं, जिसमें आपसी विवाद में फायरिंग की गई.
पुलिस 21 मामलों की जांच कर पता लग रही है कि बदमाशों के पास फायरिंग के लिए हथियार कहां से आए थे. इसका उद्देश्य अवैध हथियारों के तस्करों तक पहुंचना और उनपर कार्रवाई करना है, जो अवैध हथियार के साथ घूमते हैं. इसके लिए पुलिस 3 साल के पुराने मामलों की जांच कर रही है. इनमें वैसे मामले शामिल हैं, जिनका मुकदमा अब भी अदालत में विचाराधीन है. इससे आर्म्स एक्ट के आरोपियों को सजा दिलाने में भी सहूलियत होगी. एसएसपी के आदेश पर इसके लिए एसटीएफ का गठन किया गया है. टीम जांच के साथ कार्रवाई करते हुए आर्म्स सप्लायर तक पहुंचेगी. हर थाना के केस को जिला मुख्यालय में तलब किया गया है.
फायरिंग के पुराने मामलों की विवेचना की जा रही है, ताकि आर्म्स एक्ट के मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने के साथ आर्म्स सप्लायर तक पहुंचा जा सके.
– अनिमेष गुप्ता, डीएसपी सीसीआर
