
रांची : ठंड के मौसम में हर साल सात समुंदर पार करके साइबेरियन मेहमान राची पहुंचते हैं. इसके अलावे ये झारखंड के कई कोनों में कुछ दिनों तक प्रवास करते हैं. फिलहाल इन विदेशी मेहमानों का आगमन राजधानी रांची में शुरू हो गया है. वहीं इन मेहमानों का दर्शन करने के लिए लोग राजधानी सहित आसपास के इलाकों से बड़ा तालाब पर भारी तदाद में पहुंचने भी लगे हैं. रांची के बड़ा तालाब में अठखेलिया करते ये बर्ड लोगों को काफी आकर्षित करती है. और लोगों का इसपर से नजर हटा पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ये पक्षी है ही इतने मनमोहक. इतना ही नहीं लोग अपने मोबाइल फोन में इन साइबेरियन पक्षियों को कैद नहीं भूलते. अगर आपको भी इन विदेशी मेहमान का दर्शन करना है तो आप राजधानी रांची स्थित बड़ा तालाब आ सकते हैं. यहां आपको इन साइबेरियन पक्षियों का मनमोहक दृश्य नजर आएगा.

मार्च महीने के बाद अपने घर लौट जाते है सभी विदेशी मेहमान
आपको बता दें, ये साइबेरियन पक्षी अमेरिका, यूरोप, मंगोलिया और एशिया के कुछ हिस्सों मुख्य रूप से पाए जाते है क्योंकि इस वक्त यहां काफी ज्यादा बर्फबारी होती है ऐसे वक्त में ये प्रवासी विदेशी मेहमान अपने घर छोड़कर भारत पहुंचते है और कुछ महीने देश के विभिन्न हिस्सों में रहने के बाद ये पक्षी फिर से अपने घर को वापस लौट जाते हैं. ठंड के मौसम में ये विदेशी मेहमान झारखंड के कई जलाशयों में भी पहुंचते हैं. इन साइबेरियन बर्ड को आप दो से तीन महीने तक राज्य के अलग-अलग जलाशयों में भी देख सकते हैं.
कई बार साइबेरियन से बुरा बर्ताव करते है लोग
इसके बाद जैसे ही मार्च का महीना पूरा होता है ये पक्षियां फिर से अपने इलाके (घर) की ओर रूख करते हैं झारखंड का संस्कार अतिथियों का सम्मान करना है हालांकि झारखंड में प्रवास के दौरान कई बार इन साइबेरियन पक्षियों के साथ कुछ लोग मेहमानों की तरह बर्ताव नहीं करते है. इसके अलावे इन विदेशी मेहमानों को कई बार खासा परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. खास कर राजधानी रांची के बड़ा तालाब में मछली पकड़ने के लिए बिछाए गए जाल में ये पक्षियां अक्सर फंस जाते है. ऐसे में साइबेरियन पक्षी को संरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेवारी है कि अपने प्रवास के दौरान इन विदेशी मेहमानों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हों.