अदिति महाविद्यालय में आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्ली। अदिति महाविद्यालय, दिल्ली यूनिवर्सिटी की राष्ट्रीय सेवा योजना के भाषा केंद्र, शिक्षा विभाग और नेहरू युवा केंद्र संगठन अलीपुर का एक सहयोगात्मक प्रयास में 26 दिसंबर, 2023 को सुबह 11:00 बजे एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन “आजादी का अमृत महोत्सव और हिंदी के राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विस्तार” पर केंद्रित था। इस अवसर के विशिष्ट वक्ता भारतीय अनुवाद परिषद के निदेशक प्रोफेसर पूर्ण चंद टंडन थे। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम समिति द्वारा आयोजित एक विशेष व्याख्यान हुआ , जिसमें शामिल थे : प्रोफेसर ममता शर्मा, प्रिंसिपल, अदिति महाविद्यालय, रूचितर नारायण त्यागी, मण्डल निदेशक, नेहरू युवा केंद्र संगठन अलीपुर, श्रीमती पूनम शर्मा, उपनिदेशक नेहरू युवा केंद्र अलीपुर, प्रोफेसर नीलम राठी, संयोजक, अदिति महाविद्यालय के भाषा केंद्र, डॉ. पूनम यादव, विभाग प्रमुख, अदिति महाविद्यालय के शिक्षा विभाग, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. माली सांवरिया, अदिति महाविद्यालय एनएसएस अध्यक्ष, रमेश कुमार सोनी, सहायक निदेशक श्री हरिप्रकाश, कार्यक्रम सहायक, नेहरू युवा केंद्र अलीपुर।

इस कार्यक्रम का समन्वय साहिल, सूरज, पारुल, पंकज गाँगुली, कुमारी कीर्ति, प्रियंका, संस्कृति, मिकिता, पलक, कशक, वैशाली, फौजिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे एक ज्ञानवर्धक और व्यावहारिक अनुभव के साथ साथ आजादी के अमृत महोत्सव और हिंदी के वैश्विक विस्तार के महत्व पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम मे अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर, हिंदी की लगातार अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार एवं हिंदी को वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के प्रयास जो भारत सरकार, सांस्कृतिक संगठनों और भारतीय प्रवासियों द्वारा किए गए हैं उन पर प्रकाश डाला।
हिंदी भाषा पाठ्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग जैसी पहल हिंदी की वैश्विक पहुंच में योगदान पर चर्चा की। भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में इसकी स्थिति को देखते हुए, राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देना एक प्रमुख फोकस रहे एवं विभिन्न राज्यों में हिंदी के उपयोग और सीखने को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान जो चलाए जा रहे है उन पर प्रकाश डाला।
इसमें शैक्षिक सुधार, सरकारी संचार में भाषा का समावेश और राष्ट्र के भाषाई ताने-बाने को मजबूत करने के लिए सांस्कृतिक पहल को विशेष रूप से बताया गया। आज़ादी का अमृत महोत्सव न केवल भारत की आज़ादी का जश्न मनाने के लिए बल्कि भाषाई विविधता के महत्व को भी उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें हिंदी देश की सांस्कृतिक छवि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ऐसे विचार सभी अतिथि गण द्वारा व्यक्त किये गए।